पुणे में ओशो आश्रम के पास स्थित जर्मन बेकरी में ब्लास्ट से 9 लोगों की मौत हो गई और 45 लोग जख्मी हो गए.
मुम्बई में 14 महीने पहले हुए आतंकी हमले के बाद पुणे में हुआ विस्फोट पहला आतंकी हमला है. जर्मन बेकरी में शाम लगभग सवा 7 बजे हुए इस विस्फोट के बारे में संदेह है कि यह आईईडी से किया गया. जर्मन बेकरी शहर के छावनी क्षेत्र स्थित एक पुराना व्यावसायिक प्रतिष्ठान है, जो रजनीश द्वारा स्थापित ओशो आश्रम आने वाले विदेशियों का पसंदीदा स्थल है.
ऐसा माना जाता है कि अमेरिका का संदिग्ध आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली अपनी पुणे यात्रा के दौरान ओशो आश्रम में ठहरा था.
पुणे पुलिस के संयुक्त आयुक्त राजेंद्र सोनवने ने कहा, ‘‘बम विस्फोट हुआ है. आठ लोग मारे गए हैं और 33 अन्य घायल हुए हैं.’’ केंद्रीय गृह सचिव गोपाल कृष्ण पिल्लई ने नयी दिल्ली में कहा, ‘‘यह आतंकवादी हमला होने की संभावना है. हम सीबीआई की फॉरेंसिक टीम और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के सदस्यों को भेज रहे हैं.’’
ब्लास्ट में कुछ विदेशियों के भी मारे जाने की आशंका है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि उनकी पहचान करना और नागरिकता का पता लगाना मुश्किल है, क्योंकि चेहरे झुलस गए हैं. पुलिस ने बताया कि बेकरी के रसोई के बाहर एक पैकेट रखा था और जब वेटर पुलिस को बुला रहा था तो तभी आईईडी में विस्फोट हो गया.
महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री और क्षेत्र के विधायक रमेश बाग्वे ने कहा कि घायलों की संख्या 40 तक होने की संभावना है जिनमें से तीन गंभीर हैं. उन्होंने कहा कि घायलों में पांच-छह विदेशी भी शामिल हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय में विशेष सचिव यूके बंसल ने कहा कि मारे गए आठ लोगों में विदेशी भी शामिल हैं. सोनवने ने कहा, ‘‘यह एक संदिग्ध बम विस्फोट है. अब तक पुष्टि नहीं हुई है. हम इसका पता कर रहे हैं. अभी हम किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं लेकिन प्रथम दृष्टया में यह बम विस्फोट लगता है.’’ आतंकवाद विरोधी दस्ते और बम निरोधक दस्ते ने विस्फोट की प्रकृति जानने के लिए घटनास्थल का दौरा किया. विस्फोट से बेकरी नष्ट हो गई और वहां हर ओर खून तथा मानव अंग बिखरे पड़े थे. बाग्वे ने कहा कि पुलिस आतंकी हमले सहित सभी दृष्टिकोण से जांच कर रही है.
पुणे के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त प्रभात कुमार ने कहा, ‘‘यह एक संदिग्ध आतंकी हमला है और हम विस्फोट में इस्तेमाल उपकरण का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं.’’ सोनवाने ने कहा कि मृतकों की पहचान की जा रही है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि अभी यह पता लगाया जाना बाकी है कि विस्फोट का कारण क्या था. उन्होंने कहा कि उन्होंने पुलिस आयुक्त से बात की है जिन्होंने कहा कि जब तक कि घटनास्थल पर सबूतों की जांच नहीं कर ली जाती तब तक वे किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकते.
चव्हाण ने कहा कि शुरू में माना जा रहा था कि यह एक सिलेंडर विस्फोट है. फारेंसिक विशेषज्ञ घटनास्थल पर मौजूद हैं और सही कारणों का पता लगाया जाना बाकी है. विस्फोट में घायल एक व्यक्ति ने कहा, ‘‘मैं ऑटो में जा रहा था. मुझे जोरदार धमाके की आवाज सुनाई दी और जमीन हिल गई.’’ एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि एक बड़ा विस्फोट हुआ जिससे समूचा क्षेत्र हिल गया और ‘‘हमने आग देखी.’’