केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मालिन गांव में हुए विनाशकारी भूस्खलन से निपटने में महाराष्ट्र को पूरी केंद्रीय सहायता देने का आश्वासन दिया है. इस हादसे में मृतकों की संख्या 30 हो गई है. सिंह ने हादसे की जगह का दौरा किया और मृतकों में प्रत्ये के परिजनों को प्रधानमंत्री कोष से दो लाख रुपये की सहायता की घोषणा की.
उन्होंने कहा, ‘एक मंदिर सहित करीब 45 घर इस भूस्खलन के प्रभाव से तबाह हो गए. मैंने केंद्र की ओर से शोकसंतप्त परिवारों को संवेदनाएं व्यक्त की. प्रधानमंत्री ने प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए राज्य सरकार को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है.’ सिंह ने एक सवाल के जवाब में कहा कि जबतक जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक भूस्खलन के कारणों के बारे में कुछ कहना जल्दबाजी होगी.
राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल (एनडीआरएफ) और जिला अधिकारियों ने कहा कि ने मलबे के अंदर से दो और शवों को निकाला गया है. इसी के साथ भूस्खलन में मरने वालों की संख्या 30 पहुंच गई है. इस हादसे में आधा मालिन गांव मलबे की चपेट में आया है.
अधिकारियों ने कहा कि मलबे से निकाले गए आठ घायलों का इलाज पास के अस्पताल में चल रहा है. उन्होंने कहा कि बारिश, दलदली जमीन और कीचड़ के कारण आने वाली परेशानियों के बावजूद बचाव अभियान जारी रहा.
एनडीआरएफ और राज्य सरकार की एजेंसियों द्वारा जारी बचाव प्रयासों की गृहमंत्री ने सरहाना की. उन्होंने कहा कि वे कल सुबह हादसा होने के बाद मुश्किल भूभाग पर तीन के घंटे भीतर पहुंच गए.
गांव में करीब 150 लोगों के कीचड़ और चट्टान के मलबे में दबे होने की आशंका है. यह गांव पश्चिमी महाराष्ट्र के जिला मुख्यालय से 120 किलोमीटर दूर अंबेगांव तालुका में पहाड़ की तलहटी में स्थित है.