पंजाब सरकार में मंत्री और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू पर 1988 में रोड रेज का एक मामला दर्ज है. इस मामले में एक शिकायतकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट के सामने एक नई याचिका दाखिल कर आरोप लगाया है कि साल 2010 में एक निजी चैनल पर दिए अपने इंटरव्यू में सिद्धू ने ये माना था कि वो इस अपराध के लिए दोषी हैं. लेकिन सिद्धू ने शिकायतकर्ता की उस याचिका का विरोध किया है.
सिद्धू ने इस मामले में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट अभी अपील पर सुनवाई कर रहा है लिहाजा इसे रिकॉर्ड पर नहीं रखा जा सकता है. उन्होंने कहा कि अगर शिकायतकर्ता याचिका दाखिल करना ही चाहता है तो पहले उसे निचली अदालत या हाई कोर्ट में दाखिल करना होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता से पूछा कि क्या सुनवाई के इस स्तर पर इसे रिकॉर्ड पर रखा जा सकता है. बता दें इस याचिका में कहा गया है कि इंटरव्यू में सिद्धू ने ये माना कि इस मामले में उनकी भूमिका थी. साथ ही ये भी कहा था कि उन्होंने पीड़ित गुरुनाम सिंह को मारा था, जिससे उनकी मौत हो गई थी.
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साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने शिकायतकर्ता से यह भी पूछा कि इंटरव्यू को कोर्ट में पेश करने में इतनी देरी क्यों हुई और क्या इतनी देरी के बाद कोर्ट इसे सबूत के तौर पर रख सकता है. दरअसल, शिकायतकर्ता ने इस बाबत सुप्रीम कोर्ट में इंटरव्यू की सीडी और यूट्यूब लिंक दोनों ही दिए थे. जिसके साथ मांग की है कि इसे सबूत का हिस्सा माना जाए.
शिकायतकर्ता ने कोर्ट में कहा था कि वो पहले इस लिए कोर्ट में जमा नहीं कर पाया था क्योंकि उसे इसकी जानकारी नहीं थी, अभी इसकी जानकारी मिली है तो कोर्ट के समक्ष पेश किया है ताकि सच सामने आ सके.
आपको बता दें, पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू को गैर इरादतन हत्या के मामले में पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने सिद्धू को दोषी ठहराते हुए तीन साल की सजा सुनाई थी. जिसके खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल किया था और कोर्ट ने उनके दोषी ठहराए जाने पर भी रोक लगा दी थी.
गौरतलब है कि पंजाब सरकार के कांग्रेसी मंत्री और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू पर यह पहला मामला कोर्ट में दर्ज नहीं है उन पर बहुत से और केस भी दर्ज हुए है. जिनमें से सिद्धु पर टैक्स ना भरने का भी मामला है.