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पंजाब और हरियाणा में क्रिसमस और नये साल के स्वागत में नहीं होगी आतिशबाज़ी

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के इस मौके पर आतिशबाज़ी बैन करने के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. इसी तरह क्रिसमस का उत्‍सव भी शांति से निपटाना होगा.

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प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर
प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

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पंजाब, हरियाण और चंडीगढ़ में साल 2018 का स्वागत और 2017 की विदाई खामोशी से होगी. आतिशबाज़ी नहीं होगी, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के इस मौके पर आतिशबाज़ी बैन करने के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. इसी तरह क्रिसमस का उत्‍सव भी शांति से निपटाना होगा.

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 5 जनवरी को तय की है, तब तक क्रिसमस और 2018 के स्वागत का जश्न तो निपट ही जाएगा. अब दिल्ली की दिवाली जैसा ही माहौल क्रिसमस और नए साल पर हरियाणा-पंजाब में होगा.

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने नए साल में पटाखों पर रोक जारी रखते हुए निर्देश दिए थे कि शादी, पार्टी व अन्य कार्यक्रमों में पटाखों पर रोक संबंधी आदेश को सख्ती से लागू किया जाए.

एनसीआर इलाके में नहीं लागू होगा आदेश

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यह आदेश हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ प्रशासन के प्रदूषण बोर्ड सहित सभी जिलों के अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को दिए गए हैं. काबिलेगौर बात यह है कि यह आदेश एनसीआर एरिया में लागू नहीं होगा. कोर्ट ने यह भी साफ किया है कि अगर अदालत के आदेश सख्ती से लागू नहीं होते हैं, तो कोर्ट अवमानना आदेश जारी कर सकती है.

गौरतलब है कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की बेंच ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि श्रीलंका के खिलाड़ी दिल्ली के मैदान में प्रदूषण के कारण उल्टियां कर रहे हैं, ऐसे में प्रदूषण की समस्या को लेकर आंखें बंद नहीं की जा सकती.

कोर्ट की डिवीज़न बेंच ने सुनवाई के दौरान हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ प्रशासन को कोर्ट के अंतरिम आदेशों का 11 जनवरी तक सख्ती से पालन करने के लिए कहा था.

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