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फंस गए 'गुरू', सिद्धू पर 30 साल पुराना रोडरेज मामला फिर खुला

पूर्व क्रिकेटर और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को 30 साल पुराने रो़ड रेज मामले में झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट सिद्धू को सुनाई गई सजा पर फिर से विचार करने पर सहमत हो गया है.

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नवजोत सिंह सिद्धू
नवजोत सिंह सिद्धू

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पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को 30 साल पुराने रो़ड रेज मामले में बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट सिद्धू को सुनाई गई सजा पर फिर से विचार करने पर सहमत हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने सिद्घू को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है.

सुप्रीम कोर्ट ने 15 मई को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया था जिसमें उन्हें गैर इरादतन हत्या का दोषी पाया गया था और उन्हें तीन वर्ष जेल की सजा सुनाई गई थी. कोर्ट ने हालांकि उन पर आईपीसी की धारा 323 के तहत एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया था.

न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की एक पीठ मृतक के परिवार के सदस्यों द्वारा दायर एक पुनर्विचार याचिका पर गौर करने पर सहमत हो गई और मामले में सिद्धू को नोटिस जारी किया. कोर्ट ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू को इस मामले में नोटिस जारी किया जाता है.

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न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर और न्यायमूर्ति कौल की एक पीठ ने 15 मई को सिद्धू के सहयोगी और सह-आरोपी रूपिन्दर सिंह संधू को सभी आरोपों से बरी कर दिया था. आईपीसी की धारा 323 के तहत अधिकतम एक वर्ष जेल की सजा या एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया या दोनों लगाया जा सकता है.

आपको बता दें कि 27 दिसंबर 1988 को पटियाला में सड़क पर 65 वर्षीय गुरनाम सिंह से बहस के बाद सिद्धू के मुक्का मारने से उनकी मौत हो गई थी. मृतक के परिजनों ने पिछली सुनवाई के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा 2012 में एक चैनल को दिए इंटरव्यू को सबूत के तौर पर पेश किया था. इसमें सिद्धू ने स्वीकार किया था कि उनकी पिटाई से ही गुरनाम सिंह की मौत हुई थी.

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