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पंजाबः इंटरनेशनल टेरर मॉड्यूल का पर्दाफाश, AK-47 के साथ 4 गिरफ्तार

अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों के कनेक्शन सामने आने की वजह से पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मामले की जांच एनआईए को सौंपने का फैसला किया है.

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छापेमारी में बरामद सामान (फोटो-ANI)
छापेमारी में बरामद सामान (फोटो-ANI)

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  • कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मामले की जांच एनआईए को सौंपने का फैसला किया
  • हथियार की बड़ी खेप, 5 एके-47, पिस्टल, सैटेलाइट फोन और हथगोले बरामद
  • ड्रोन से हथियार डिलिवर करने की बात सामने आई, अलर्ट पर सुरक्षा बल

पंजाब पुलिस ने पाकिस्तान और जर्मनी से जुड़े आतंकी संगठन के एक टेरर मॉड्यूल का पर्दाफाश किया है. छापेमारी में एके-47 समेत अन्य हथियारों के साथ चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों के कनेक्शन सामने आने की वजह से पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मामले की जांच एनआईए को सौंपने का फैसला किया है.

अमरिंदर सिंह ने सीमा पार से हो रहे ड्रोन के इस्तेमाल से निपटने के लिए भारतीय वायुसेना और सीमा सुरक्षा बल को निर्देश देने की भी अपील की है.

रिपोर्ट के मुताबिक, यह संगठन आतंकियों को हथियार डिलिवर करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करता था. मॉड्यूल का पर्दाफाश करने के बाद पंजाब पुलिस ने दावा किया कि इस आतंकी संगठन का नाम खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेएफ) है जिसे पाकिस्तान और जर्मनी स्थित आतंकी संगठनों का समर्थन प्राप्त है. इस संगठन का पंजाब और आसपास के प्रदेशों में आतंकी हमले करने की योजना थी. छापेमारी में हथियार की बड़ी खेप, 5 एके-47, पिस्टल, सैटेलाइट फोन और हथगोले बरामद हुए हैं. 

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भारतीय वायु सेना (IAF) और सीमा सुरक्षा बल (BSF) पंजाब के सीमावर्ती राज्य में ड्रोन के खतरे का मुकाबला करने के लिए हाई अलर्ट पर हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यमन के विद्रोही समूह हाउती ने 14 सितंबर को सऊदी अरब में तेल रिफाइनरी को नष्ट करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया था. पाकिस्तान के साथ भारत की लगती पश्चिमी सीमा हाई-अलर्ट पर है, ऐसे में यह कोई पहली घटना होगी जिसमें ड्रोन से हथियार डिलिवर करने की बात सामने आई है.

नवंबर में करतारपुर साहिब कॉरिडोर को खोलने के पाक के दावे के बावजूद आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ है. इससे आशंका बढ़ गई है कि पाकिस्तान खालिस्तानी आतंकियों को फिर सक्रिय कर पंजाब के सीमावर्ती राज्यों में शांति भंग कर सकता है. इस आतंकी साजिश में अंतरराष्ट्रीय लिंक उभरने के साथ ही मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एनआईए को मामले में आगे की जांच सौंपी है ताकि यह पता चल सके कि इसके पीछे किसका हाथ है और इसमें आगे क्या किया जा सकता है.

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