मोसुल में हुआ 39 भारतीयों का नरसंहार विदेशों में फंसे भारतीयों की दर्दनाक कहानी बयान करता है. एक तरफ जहां इराक से पंजाब पहुंचे 27 भारतीयों के शवों को अभी एक हफ्ता ही हुआ है वहीं दूसरी और जॉर्डन के अम्मान शहर में फंसे अमृतसर, पंजाब के डिंपल कुमार ने सोशल मीडिया पर एक दर्द भरा वीडियो सांझा करके परिजनों की चिंता बढ़ा दी है.
एजेंट ने छीन लिया था पासपोर्ट
डिंपल कुमार ने वीडियो संदेश में कहा है कि वह अमृतसर के राजासांसी इलाके का रहने वाला है. उसे राजन सिंह और अवतार सिंह नाम के एजेंटों ने धोखा देकर उसका पासपोर्ट छीन लिया. वह करीब 5 साल पहले 2013 में जॉर्डन गया था, जहां दो-तीन महीने बाद ही एजेंटों ने उसका पासपोर्ट छीन लिया और उसका पासपोर्ट बेचकर किसी दूसरे युवक को भारत लौटा दिया.
डिंपल ने अपने संदेश में कहा है कि वह पासपोर्ट न होने के कारण छिपकर रह रहा है, क्योंकि अगर वह जॉर्डन पुलिस की नजर में आया तो उसे गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया जाएगा. डिंपल वीडियो में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से गुहार लगा रहा है कि उसे जल्द से जल्द भारत बुलाया जाए और वह अपने परिवार के बीच रह सके.
डिंपल कुमार ने आज तक से फोन पर बताया कि वह वहां सरिया बांधने का काम करता है, लेकिन उसके पास कोई कागजात नहीं हैं. उसने राजन सिंह नाम के एजेंट की शिकायत की तो उसे जॉर्डन पुलिस ने भारत को डिपोर्ट कर दिया. हालांकि उसका दोस्त बलवंत सिंह अभी भी जॉर्डन में ही है लेकिन वह उसके संपर्क में नहीं है. उसके लाख कहने के बावजूद भी इन दोनों लालची एजेंटों ने उसका पासपोर्ट वापस नहीं किया.
उधर आजतक ने जब डिंपल कुमार के पिता बावा लाल से बात की तो उन्होंने बताया कि करीब 5 साल पहले उन्होंने खुद अमृतसर के माल मंडी इलाके के रहने वाले अमरीक सिंह और बलदेव सिंह को 1.35 लाख रुपये देकर बाहर भेजा था.
डिंपल कुमार के पिता बावा लाल ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से गुहार लगाई है और कहा है कि उनके बेटे को सही सलामत भारत लाने में मदद की जाए.