केरल के 4 स्टार होटलों में बार पर रोक लगाए जाने के केरल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करने को लेकर अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी विवादों में घिर गए हैं. केंद्र सरकार के सबसे बड़े वकील मुकुल रोहतगी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में केरल की शराब लॉबी के वकील के तौर पर पेश हुए थे.
इस संबंध में जब विवाद गहराया तो रोहतगी ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने केस लड़ने से पहले केंद्रीय कानून मंत्री से अनुमति ले ली थी. रोहतगी के इस कदम पर सबसे ज्यादा सवाल आम आदमी पार्टी और लेफ्ट पार्टियों ने उठाए हैं.
'सिर्फ फाइव स्टार होटलों को मिले लाइसेंस'
दरअसल, हाईकोर्ट ने राज्य में बार का लाइसेंस सिर्फ फाइव स्टार होटलों को ही देने का आदेश दिया था जिसको केरल की शराब लॉबी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ रोहतगी की पैरवी पर केरल के सीएम ओमन चांडी ने भी सवाल उठाया और इसे पूरी तरह अनैतिक करार दिया.
रोहतगी ने दी सफाई
रोहतगी ने अपनी सफाई में कहा कि कंपनी उनकी पुरानी क्लाइंट है, इसीलिए वह सरकार की इजाजत से कोर्ट में पेश हुए हैं. उन्होंने कहा- 'कानूनन मैंने कुछ गलत नहीं किया है और न ही इस केस में केंद्र सरकार शामिल है.' सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ वकील ने कहा कि रोहतगी ने कोई गैरकानूनी कदम नहीं उठाया है लेकिन केंद्र सरकार के सबसे बड़े कानून अधिकारी होने के चलते उनका यह कदम अनैतिक जरूर है.