कुछ समय पहले तक कैप्टन कूल रहे महेंद्र सिंह धोनी अब इंग्लैंड के हाथों हार के बाद ट्वेंटी20 विश्व कप से टीम इंडिया के बाहर होने के कारण आलोचकों का कोपभाजन बन गए हैं और कई पूर्व खिलाड़ियों ने उनकी रणनीति पर सवाल उठाये हैं.
टास जीतकर पहले गेंदबाजी और रविंदर जडेजा को युवराज सिंह से पहले चौथे नंबर पर भेजने के फैसले क्रिकेट पंडितों को रास नहीं आये हैं. महान स्पिनर ईरापल्ली प्रसन्ना ने कहा कि जडेजा की तुलना में तो हरभजन सिंह भी चौथे नंबर के लिये अच्छा विकल्प हो सकते थे.
गेंदबाजी नहीं बल्लेबाजी चुननी चाहिए थी
उन्होंने कहा इतने महत्वपूर्ण मैच में धोनी को टास जीतकर गेंदबाजी नहीं चुननी चाहिये थी. हमारा बल्लेबाजी क्रम भी सही नहीं था. जडेजा को युवराज और धोनी से पहले भेजना भी गलती थी. उस क्रम पर तो जडेजा की बजाय हरभजन सिंह भी बेहतर होते.
पूर्व विकेटकीपर सैयद किरमानी ने कहा कि भारत के पास वीरेंद्र सहवाग का कोई विकल्प नहीं था जो कंधे की चोट के कारण टूर्नामेंट से बाहर हो गए थे. उन्होंने कहा प्रतिभा होने के साथ खिताब के प्रबल दावेदार होने के बावजूद यह इसलिये हुआ क्योंकि समय पर हम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके. सहवाग की कमी भी खली.
रविंदर जडेजा रहे कमजोर कड़ी
किरमानी ने कहा इस प्रारूप में सलामी जोड़ी को अच्छा खेलना चाहिये था लेकिन ऐसा हुआ नहीं. इसके अलावा जडेजा और गौतम गंभीर की बल्लेबाजी के दौरान रनगति धीमी पड़ गई थी. पूर्व क्रिकेटर अरूण लाल ने भी धोनी की कप्तानी पर सवाल उठाते हुए कहा जडेजा को ऊपर भेजना अति आत्मविश्वास और रक्षात्मक रणनीति का परिचायक था.
पूर्व खिलाड़ी वी बी चंद्रशेखर ने कहा कि जडेजा को टीम में ही नहीं होना चाहिये था. उन्होंने कहा पहले क्षेत्ररक्षण का धोनी का फैसला ही गलत था. रविंदर जडेजा के प्रज्ञान ओझा की जगह चुनना भी गलती थी. हरभजन सिंह भी सर्वश्रेष्ठ फार्म में नहीं थे.
उन्होंने यह भी कहा जडेजा को युवराज से पहले भेजना भी गलती थी क्योंकि वह टूर्नामेंट में अभी तक खेला नहीं था. हम युवराज पर भी जरूरत से ज्यादा निर्भर थे. वैसे यदि युवराज नहीं चलता तो हम टूर्नामेंट से पहले ही बाहर हो गए होते.
रणनीति थोड़ी गलत साबित हुई
भारत को 1983 विश्व कप दिलाने वाले कप्तान कपिल देव ने हालांकि इस हार पर प्रतिक्रिया से इंकार कर दिया. उनकी मां का कुछ दिन पहले ही निधन हुआ है. पूर्व क्रिकेटर मदनलाल ने कहा 154 रन का लक्ष्य मुश्किल नहीं था. वैसे पहले क्षेत्ररक्षण का फैसला गलत नहीं था. मैं भी वैसा ही करता. मुझे लगता है कि हमारी रणनीति गलत साबित हुई.
पूर्व चयनकर्ता चंदू बोर्डे ने धोनी पर हार का ठीकरा फोड़ने से इंकार किया. उन्होंने कहा टी20 क्रिकेट अप्रत्याशित प्रारूप है. हमारी टीम सर्वश्रेष्ठ लग रही थी लेकिन चल नहीं सकी. इशांत महंगे साबित हुए. हमने इंग्लैंड को 153 रन पर रोक दिया लेकिन समस्या यह है कि हमारी टीम में कई स्ट्रोक प्लेयर भरे पड़े है.
उन्होंने कहा हमारे पास ऐसे खिलाड़ी नहीं थे जो विकेट गिरने पर एक मोर्चा संभाल सके. धोनी युवा और बुद्धिमान कप्तान है लेकिन यह एक बुरा दिन था जिसमें उसकी रणनीति से अपेक्षित परिणाम नहीं निकल सके.