योगगुरु बाबा रामदेव और आरएसएस से संबद्ध एक संगठन को ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए तकनीकी क्षमता बढ़ाने पर विचार करने संबंधी आईआईटी दिल्ली के एक कार्यक्रम में बुलाने के फैसले को लेकर भौंहें तन गई हैं.
आईआईटी दिल्ली द्वारा इस साल जनवरी में उन्नत भारत अभियान को लागू करने के लिए आयोजित एक बैठक में रामदेव और आरएसएस वनवासी कल्याण आश्रम ने हिस्सा लिया था. इसके अलावा बैठक में अन्य हिस्सेदारों और कार्यक्रम से जुड़े प्रोफेसरों व आईआईटी दिल्ली संचालक मंडल के अध्यक्ष विजय भाटकर ने हिस्सा लिया था.
स्मृति ईरानी ने किया खंडन
इस बैठक में ग्रामीण मुद्दों के निराकरण के लिए गायों को शामिल करने पर चर्चा की गई थी. यह बैठक ऐसे समय पर हुई थी जब तत्कालीन आईआईटी दिल्ली निदेशक आर शिवगांवकर ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के हस्तक्षेप के आरोपों के बीच अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने लगातार शिक्षा के भगवाकरण के आरोपों का खंडन किया है, उन्होंने आरएसएस से संबद्ध निकायों के साथ नई शिक्षा नीति पर चर्चा की.
हालांकि, आईआईटी दिल्ली ने रामदेव की उपस्थिति को बहुत ज्यादा तवज्जो नहीं देने की कोशिश की. उसने कहा कि रामदेव को इसलिए बुलाया गया था क्योंकि वह ग्रामीण विकास पहलों में साथ होना चाहते थे. इस बीच, मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें उस बैठक में रामदेव की मौजूदगी के बारे में जानकारी नहीं है.
100 एजेंसियों के साथ समझौता
आईआईटी दिल्ली में सेंटर फॉर रूरल डेवलपमेंट एंड टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर वीरेंद्र कुमार विजय ने कहा, 'वह ग्रामीण विकास गतिविधियों में साथ मिलकर काम करना चाहते थे और हमने उन्हें बुलाया क्योंकि उस अवधि के दौरान वह दिल्ली में थे. वह प्रौद्योगिकी को भी तलाशना चाहते थे जिसे हम उनके क्लस्टर में स्थापित करना चाहते थे.'
उन्होंने कहा, दरअसल अपने मिशन में हमने तकरीबन 100 एजेंसियों के साथ समझौता किया है जिसमें अन्य आध्यात्मिक गुरुओं को भी शामिल किया गया है. उनका लोगों से जुड़ाव है और अगर वे लोगों से जुड़े हैं और ग्रामीण प्रौद्योगिकी के लिए कुछ करना चाहते हैं तभी हम उस पर विचार करेंगे. उन्नत भारत अभियान आईआईटी दिल्ली के सहारे मानव संसाधन विकास मंत्रालय की योजना है.
- इनपुट भाषा