रडार से मिली तस्वीरों से यह साबित होता है कि पुलवामा आतंकी हमले के 13वें दिन भारत की ओर से पाकिस्तानी सीमा में जाकर बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए की गई एयर स्ट्राइक ने वहां के आतंकी कैंपों को खासा नुकसान पहुंचाया था. हालांकि, सूत्र बताते हैं कि घने बादलों के कारण सैटेलाइट से तस्वीरें नहीं खींची जा सकीं.
रक्षा मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार, सेंथेटिक एपेट्योर रडार (एसएआर) ने बालाकोट में एयर स्ट्राइक से पहले और बाद की तस्वीरें खींची थीं. तस्वीरों में वह जगह ऊबड़-खाबड़ दिख रही है और सैटेलाइट तस्वीरों में यह स्थिति साफ नहीं हो रही है क्योंकि भारी बादल के कारण सैटेलाइट यहां की तस्वीरें नहीं खींच सके.
भारत की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया कि भारतीय वायुसेना की ओर से की गई इस एयर स्ट्राइक से कितने आतंकी मारे गए. सेंथेटिक एपेट्योर रडार (एसएआर) ने सुखोई 30 फाइटर जेट की तस्वीरें खींची हैं, जो मिराज के आतंकी कैंप पर हमले के दौरान पीछे-पीछे उड़ रहा था.
सूत्र बताते हैं कि मिराज जेट खराब मौसम और घने बादलों के कारण साफ तस्वीरें नहीं खीच सका. सेंथेटिक एपेट्योर रडार (एसएआर) का इस्तेमाल किसी जगह की जासूसी देख-भाल और निगरानी के लिए किया जाता है.
रक्षा विभाग से जुड़े आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि यह विश्वसनीय प्रमाण है कि एयर स्ट्राइक ने लक्षित जगहों पर अपना निशाना साधा और उन्हें तबाह किया.