दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने दिनदहाड़े 21 वर्षीय किशोरी की हत्या के दौरान वहां आसपास खड़े लोगों के उदासीन रवैया अपनाने को लेकर अफसोस जताया और नगारिक समाज से अपनी आवाज बुलंद करने एवं ऐसी घटनाओं पर मूकदर्शक नहीं बने रहने की अपील की.
दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में लोगों और नागरिक समाज से ‘जिम्मेदार भूमिका’ निभाने का आह्वान करते हुए दीक्षित ने इस बात पर अफसोस जताया कि धौलाकुंआ के समीप जब राधिका तंवर को गोली लगी और वह जख्मी हो गयी तब कोई भी व्यक्ति उसकी मदद के लिए आगे नहीं आया.
दीक्षित ने कहा, ‘यह कोई सुनसान जगह नहीं थी. कई लोग वहां थे. लेकिन उनमें से किसी ने आवाज नहीं उठायी और न ही कोई उसे अस्पताल ले जाने के लिए आगे आया. यह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है कि वहां मौजूद हर व्यक्ति ने अपनी आंखे फेर ली और जब पुलिस वाहन वहां पहुंचा तब ही उसे अस्पताल ले जाया गया.’
स्नातक में दूसरे वर्ष की छात्रा तंवर की धौलाकुंआ के शांतिनिकेतन इलाके में उसके कॉलेज के बहार मंगलवार को एक व्यक्ति ने गोली मारकर हत्या कर दी. बताया जाता है कि हमलावर कुछ समय से उसका पीछा कर रहा था.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘अकेले पुलिस को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. शहर में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना पुलिस और नागरिक समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है.’ बुधवार को ही दीक्षित ने बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए पुलिस को दोषी ठहराया था.