दिल्ली के मायापुरी में कोबाल्ट-60 से हुए रेडिएशन ने 1 की जान ले ली और कई अस्पताल में भर्ती हैं. इस मामले में दिल्ली यूनिवर्सिटी की लापरवाही उजागर हुई है लेकिन आजतक को मिली है एक और चौकानेवाली जानकारी.
डीयू के ही एक प्रोफेसर का आरोप है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी में पहले भी रेडियोएक्टिव पदार्थों को लेकर लापरवाही बरती गई है. दिल्ली युनिवर्सिटी के प्रोफेसर रमेश चंद्रा के मुताबिक वो इस बात के गवाह हैं कि करीब 20 किलो रेडियोएक्टिव पदार्थ डीयू कैंपस में ही मिट्टी के नीचे दबा दिया गया.
प्रोफेसर चंद्रा ने दावा किया है कि वो रेडियोएक्टिव पदार्थ अब भी कैंपस में दबा हो सकता है. प्रोफेसर चंद्रा के मुताबिक इन्होंने उस समय आपत्ति की थी लेकिन तब किसी ने ध्यान नहीं दिया.