कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और रायबरेली से सांसद सोनिया गांधी ने मंगलवार को लोकसभा में अपने क्षेत्र का मुद्दा उठाया. सोनिया गांधी ने रायबरेली में रेलवे के कारखाने के निजीकरण पर सवाल उठाए. सोनिया ने स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जिक्र किया और निजीकरण पर विरोध जताया.
सोनिया ने कहा कि पंडित नेहरू कहा करते थे कि सार्वजनिक सेवाएं आधुनिक भारत का मंदिर हैं. उन्होंने दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि आज कई मंदिरों को खतरे में देख दुःख होता है. लाभ के बावजूद कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल पाता. कुछ उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए इन्हें मुश्किल में डाला जा रहा है. सोनिया गांधी ने अलग रेल बजट पेश करने की परंपरा समाप्त करने के मोदी सरकार के फैसले पर भी सवाल उठाए. इन सब पर सरकार को घेरा.
रेल मंत्रालय ने नकारे आरोप
सोनिया गांधी के इन आरोपों के बीच रेल मंत्रालय ने अपनी सफाई पेश की है. रेलवे ने सोनिया गांधी के सभी आरोपों को सिरे से नकार दिया है.
रेल मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने कहना है कि सोनिया गांधी तथ्यों को गलत तरीके से पेश कर रही हैं. रेल मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि रायबरेली में अधुनिक कोच फैक्ट्री का काम व्यावसायीकरण को बढ़ावा देना नहीं है.Sonia Gandhi, Congress in Lok Sabha: Pt JL Nehru had termed PSUs as 'temples of modern India'. It hurts to see that most of such temples are in danger today. Despite profits, their employees are not being salary on time & they've been put in trouble to benefit some industrialists pic.twitter.com/RS4drhZPf9
— ANI (@ANI) July 2, 2019
रेल मंत्रालय का कहना है कि 7 रेलवे उत्पादन इकाइयों और संबंधित कार्यशालाओं को नई सरकार के स्वामित्व वाली यूनिट इंडियन रेलवे रोलिंग स्टॉक कंपनी के काम संभालते ही बंद कर दिया जाएगा. रेलमंत्रालय का कहना है कि व्यावसायीकरण, निजीकरण नहीं है. सभी इकाइयों पर सरकार का नियंत्रण बना रहेगा.