scorecardresearch
 

राफेल डील: जानिए क्यों लोकसभा में जेटली ने ठुकरा दी जेपीसी की मांग

Debate on Rafale in Lok sabha लोकसभा में केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस की मांग को ठुकराते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जेपीसी की जरूरत नहीं है.

Advertisement
X
राफेल डील पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली
राफेल डील पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली

Advertisement

राफेल डील को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार ने संयुक्त संसदीय कमेटी (जेपीसी) से जांच कराने की मांग को ठुकरा दिया है. बुधवार को लोकसभा में केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जेपीसी की क्या जरूरत है? उन्होंने कहा कि नीति के सवाल पर जेपीसी का गठन होता है, लेकिन जांच के मामले में जेपीसी की जरूरत नहीं है. जेपीसी में सांसद अपनी पार्टी की बात सुनते हैं. 

जेटली ने कहा कि संसद में बोफोर्स की जांच के लिए बी. शंकरानंद की अगुवाई में जेपीसी बनी थी. अब साबित हो गया है कि बोफोर्स में भ्रष्टाचार हुआ है, लेकिन जेपीसी ने बोफोर्स में कांग्रेस को क्लीन चिट दे दी थी. बोफोर्स घोटाले में फंसे लोग जेपीसी की मांग कर रहे हैं, ताकि मोदी सरकार पर अभी तक जो भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगे, जेपीसी के जरिए यह फर्जी आरोप सरकार पर लगाए जाएं. इसलिए सरकार जेपीसी की मांग को ठुकराती है.

Advertisement

अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ऑफसेट के बारे में कुछ नहीं जानते हैं. कांग्रेस 1 लाख 30 लाख करोड़ का ऑफेसट बता रही है. जब डील ही 58 हजार करोड़ की है तो ऑफसेट 1 लाख 30 लाख करोड़ का कैसे हो जाएगा. इस डील में ऑफसेट करीब 29 हजार करोड़ का है, जिसमें करीब 100 से अधिक कंपनियां शामिल हैं. राहुल जिस कंपनी का नाम ले रहे हैं उसे सिर्फ 3-4 फीसदी ही ऑफसेट में हिस्सा मिला है. इसे भी दसॉ ने दिया है. सरकार से इससे कोई मतलब नहीं है.

राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए जेटली ने कहा कि जिस कंपनी का नाम लिया जा रहा है वह सिर्फ ऑफसेट सप्लायर है, लेकिन राहुल मानते हैं कि वह निर्माता कंपनी है. सुप्रीम कोर्ट ने पहले दाम को नहीं देखने का फैसला किया, लेकिन बाद में दाम भी देखे. दाम देखने के बाद कोर्ट ने इसमें दखल देने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट संतुष्ट हो गया लेकिन कांग्रेस संतुष्ट नहीं हो पाई है.

बता दें, राफेल डील की जांच के लिए कांग्रेस जेपीसी गठन की मांग कर रही है. पहले वह इस पर अड़ी हुई थी और चर्चा को तैयार नहीं थी लेकिन बाद में अरुण जेटली की चुनौती को स्वीकार करते हुए चर्चा के लिए तैयार हो गई.

Advertisement
Advertisement