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राफेल: सरकार के 'झूठ' पर संसद में कांग्रेस ने दिया विशेषाधिकार हनन का नोटिस

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह इतिहास में पहली बार है जब कोई भी केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में गलत शपथ पत्र देकर देश को गुमराह की है. उन्होंने कहा कि कोर्ट का फैसला इसी आधार पर हुआ है, इसलिए हम सरकार के खिलाफ प्रिविलेज मोशन ले कर आए हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे हालत में जेपीसी की मांग भी जरूरी हो जाती है.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

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राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने विपक्षी पार्टियों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि सरकार ने राफेल मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में झूठ बोला है, इसलिए कांग्रेस प्रिविलेज मोशन (विशेषाधिकार हनन) लेकर आई है, लेकिन इस पर कोई चर्चा नहीं की गई. गुलाम नबी आजाद का कहना है कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में झूठ बोला है, सरकार ने पूरे देश को गुमराह किया है. इसलिए हम उस सरकार पर कोई विश्वास नहीं करते हैं.

गुलाम नबी आजाद का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में ही कहा गया कि राफेल के मुद्दे पर CAG पर चर्चा की गई, इसके बाद पीएसी में उस पर चर्चा हुई और इसके बाद लोकसभा में इसको रखा गया तब पब्लिक डोमेन में यह तमाम चीजें आईं. गुलाम नबी आजाद ने आरोप लगाया कि इस मामले की सच्चाई दूसरी है. उन्होंने कहा कि ना सीएजी में यह मामला आया और ना ही पीएसी में इसपर चर्चा की गई और लोकसभा में इसके आने का तो सवाल ही नहीं उठता है.

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आजाद ने कहा कि यह इतिहास में पहली बार है जब किसी भी केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में गलत शपथ पत्र देकर देश को गुमराह किया है. उन्होंने कहा कि कोर्ट का फैसला इसी आधार पर हुआ है, इसलिए हम सरकार के खिलाफ प्रिविलेज मोशन ले कर आए हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे हालात में जेपीसी की मांग भी जरूरी हो जाती है.

गुलाम नबी आजाद का कहना है कि इससे पहले भी कई बार जेपीसी बनी है चाहे वह कांग्रेस की सरकार रही हो या अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार, लेकिन इस बार क्यों नहीं सरकार जेपीसी मान रही है? नायडू ने कहा कि अभी यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है और उन्होंने अभी कांग्रेस के इस नोटिस पर कोई निर्णय नहीं लिया है.

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