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IAF अधिकारी का दावा, S-400 डील में भी सॉवरन गारंटी नहीं

वायु सेना के अधिकारियों का बयान वैसे वक्त में आया है जब कांग्रेस और राहुल गांधी राफेल के मुद्दे पर सरकार को घेर रहे हैं और एंटी-करप्शन क्लॉज का मुद्दा गरमाए हुए हैं.

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की फाइल फोटो (रॉयटर्स)
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की फाइल फोटो (रॉयटर्स)

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वायु सेना के एक आला अधिकारी ने कहा है कि रूस ने एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम डील में कोई सॉवरन गारंटी नहीं दी क्योंकि अमेरिका और रूस जैसे देशों के साथ भारत के पहले से समझौते हैं.

वायु सेना के अधिकारी का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब देश में राफेल डील को लेकर घमासान मचा है. अभी हाल में कांग्रेस ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया है कि सरकार ने राफेल सौदे में फ्रांस से समझौता करने से पहले एंटी-करप्शन क्लॉज और सॉवरन गारंट हटा दिया.

डिप्टी चीफ एयर मार्शल वीआर चौधरी ने आजतक से कहा, 'एस-400 डील में रूस के साथ किसी सॉवरन गारंटी या इंटेग्रिटी पैक्ट पर हस्ताक्षर नहीं हुए हैं क्योंकि रूस और अमेरिका जैसे देशों के साथ भारत के ऐसे समझौते पहले से हैं.'

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मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए पूछा कि राफेल सौदा करते वक्त मोदी सरकार ने फ्रांस के साथ कोई सॉवरन गारंटी पर दस्तखत क्यों नहीं किए. वाइस चीफ एयर मार्शल अनिल खोसला ने भी सरकार पर उठाए गए सवाल का जवाब दिया और कहा कि 'अमेरिका और रूस के साथ पहले भी कई समझौते हुए हैं. रूस और अमेरिका के साथ ऐसे समझौते पहले से तय होते हैं.' एक सवाल कि क्या सभी देशों के साथ ऐसा होता है, इसके जवाब में खोसला ने कहा कि 'हो सकता है अन्य देशों के साथ ऐसा समझौता नहीं हो पाया हो. दो सरकारों के बीच पहली बार ऐसा समझौता हुआ हो या कोई समझौता ठीक अभी शुरू हुआ हो.'

राफेल के बारे में वायु सेना के अधिकारियों ने कहा कि राफेल विमान पूर्ति का शेड्यूल समय पर है और इस साल सितंबर में पहला विमान आएगा. एक अधिकारी ने कहा, 'दो सीटर ट्रेनर विमान वापस फ्रांस भेज दिया जाएगा जहां उसका उपयोग ट्रेनिंग और एविओनिक्स के लिए किया जाएगा.'

अंग्रेजी अखबार द हिंदू ने एक रिपोर्ट में कहा है कि सरकार ने फ्रांस के साथ 2016 में समझौता करने से पहले एंटी-करप्शन और सॉवरन गारंटी के क्लॉज को हटा दिया था. पिछले साल अक्टूबर में भारत और रूस के बीच 40 हजार करोड़ रुपए की एस-400 डील हुई. अमेरिकी प्रतिबंधों की धमकियों के बावजूद भारत इस सौदे में आगे बढ़ा और रूस के साथ करार हुआ.

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बीते महीने जनवरी में रूस ने कहा कि एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की सप्लाई में कोई देर नहीं होगी और समय पर इसकी आपूर्ति कर दी जाएगी. रूस के मुताबिक पेमेंट के तौर-तरीकों पर भी सहमति बन गई है. भारत दौरे पर आए रूस के उप विदेश मंत्री सेर्गेई राबकोव ने कहा कि एस-400 मिसाइल सिस्टम से भारत की एयर डिफेंस क्षमता में और मजबूती आएगी. केंद्र सरकार ने लोकसभा में बताया है कि अक्टूबर 2010 से भारत को मिसाइल सिस्टम की सप्लाई शुरू हो जाएगी जो अप्रैल 2023 तक पूरी भी कर दी जाएगी.

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