राफेल डील पर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के इंटरव्यू से देश में राजनीति गरमा गई है. ओलांद के बयान ने कांग्रेस को मोदी सरकार की पुरजोर तरीके से आलोचना करने का एक बड़ा मौका दिया है. जिसके बाद से ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत पूरी पार्टी केंद्र सरकार से जवाब मांग रही है.
इस बीच ओलांद का इंटरव्यू छापने वाले फ्रांस के मीडिया हाउस 'Mediapart' ने आजतक से बातचीत की है, जिसमें उसके संपादक एड्वी प्लेनल और इंटरव्यू करने वाले पत्रकार एंटन रुगट ने स्पष्ट कहा है कि वह अपने स्टैंड पर पूरी तरह कायम हैं. इंटरव्यू करने वाले पत्रकार और मीडियापार्ट के संपादक ने आजतक से बातचीत में बताया कि उनके पास ओलांद के इंटरव्यू से जुड़े सभी सबूत हैं, लेकिन वह उन्हें अभी साझा नहीं कर सकते.
हालांकि, मीडियापार्ट ने ये भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी और फ्रांस्वा ओलांद अपने बयान से पलटते हैं, जो कि वो नहीं करेंगे तब उनके बयान को सबूतों के साथ शेयर किया जाएगा.
मीडियापार्ट के एडिटर ने बताया कि ओलांद अपने बयान से मुकरे नहीं हैं और न ही उनके ऑफिस ने भारतीय मीडिया से इंटरव्यू को गलत बताया है. यहां तक कि फ्रांस की मौजूदा सरकार ने भी ओलांद के बयान को गलत नहीं कहा है, बल्कि सिर्फ इतना कहा है कि इस मसले पर ओलांद द्वारा टिप्पणी करने का कोई औचित्य नहीं है. हालांकि, मीडियापार्ट ने फ्रांसीसी सरकार के इस दावे को मजाक बताया और कहा कि ओलांद का बयान बेहद जरूरी है, क्योंकि उन्होंने भारत से ही राफेल विमान की डील की थी.
मीडियापार्ट ने फ्रांस को भी इस मसले पर घेरा. मीडियापार्ट के संपादक एड्वी प्लेनल ने कहा कि आर्म्स एक डर्टी गेम है और फ्रांस इस खेल का बड़ा खिलाड़ी है. एड्वी ने स्पष्ट कहा कि ओलांद-मोदी और अनिल अंबानी की डील में भी इस गेम को नकारा नहीं जा सकता है.