पिछले दिनों एनसीपी के सुप्रीमो शरद पवार की ओर से राफेल डील पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बचाव करने के बाद पार्टी से जुड़े कुछ बड़े नेताओं ने नाराज होकर उनसे किनारा कर लिया, लेकिन अब लंबी चुप्पी के बाद उन्होंने सफाई दी है.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मुखिया शरद पवार ने एक कार्यक्रम में कहा, 'कुछ कहते हैं कि मैं प्रधानमंत्री का समर्थन कर रहा हूं, लेकिन मैंने कभी भी समर्थन नहीं किया और न ही भविष्य में करूंगा. सवाल यह है कि एयरक्रॉफ्ट के दाम 650 करोड़ से बढ़कर 1,600 करोड़ तक कैसे पहुंच गए. सरकार को संसद में इस पर सफाई देनी चाहिए. इसकी जांच होनी चाहिए और संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के समक्ष इसके दस्तावेज रखा जाना चाहिए.'
Some are saying I'm supporting PM.I haven't supported&would never do that.Question is how price of aircraft increased from Rs 650 cr to Rs 1600 cr. Govt must clarify it in Parliament. It must be probed&documents must be presented before Joint Parliamentary Committee:Sharad Pawar pic.twitter.com/vtJ2tCRQNR
— ANI (@ANI) October 1, 2018
उन्होंने आगे कहा, 'मैं फिर से कहता हूं कि इस समय मेरे पास कोई सबूत नहीं है. मैं प्रधानमंत्री या फिर किसी अन्य पर कोई आरोप लगाने की स्थिति में नहीं हूं.'
2 बड़े नेताओं ने छोड़ी पार्टी
पवार के राफेल डील पर प्रधानमंत्री मोदी के बचाव संबंधी बयान से नाराजगी दिखाते हुए एनसीपी के 2 कद्दावर नेता सांसद तारिक अनवर और मुनाफ हकीम ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया. मुनाफ हकीम एनसीपी के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते हैं. महाराष्ट्र में ये पार्टी के बड़े चेहरे के तौर पर गिने जाते थे. मुनाफ इस्तीफा देने तक पार्टी के महासचिव पद पर कार्यरत थे. एनसीपी के संस्थापक नेताओं में शामिल होने के साथ ही वे प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष भी थे.हकीम से एक दिन पहले पहले तारिक अनवर ने एनसीपी छोड़ने के साथ-साथ लोकसभा से भी इस्तीफा दे दिया. अनवर ने 1999 में सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे पर कांग्रेस से बगावत कर शरद पवार के साथ एनसीपी बनाई थी.
'मोदी सरकार की नीयत पर शक नहीं'
पूर्व रक्षामंत्री और एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने पिछले हफ्ते राफेल डील पर मोदी सरकार को एक तरह से क्लीन चिट देते हुए कहा कि लोगों को पीएम मोदी की नीयत पर कोई शक नहीं है. एक मराठी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में पवार ने कहा था कि उन्हें लगता है कि लोगों को मोदी सरकार की नीयत पर कोई शक नहीं है. राफेल विमान के तकनीकी पहलुओं पर चर्चा करने की विपक्ष की मांग ठीक नहीं है. हालांकि यूपीए सरकार में मंत्री रहे पवार ने यह भी कहा कि राफेल विमान की कीमत बताने में कोई हर्ज नहीं होना चाहिए.
पवार के इस बयान के बाद बीजेपी ने इसे भुनाने की कोशिश शुरू कर दी. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कुछ घंटों के अंदर ट्वीट कर कहा कि पूर्व रक्षा मंत्री शरद पवार जी ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्रीय हित में सच बोल रहे हैं. शाह इतने पर ही नहीं रुके. उन्होंने राहुल गांधी पर तंज करते हुए कहा कि उन्हें कम के कम अपने गठबंधन के पुराने सहयोगी रहे शरद पवार से ही बुद्धिमानी सीखनी चाहिए.
हालांकि विवाद बढ़ता देख एनसीपी की ओर से पवार के बयान पर सफाई भी दी गई. एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि शरद पवार ने राफेल डील पर प्रधानमंत्री मोदी को कोई क्लीन चिट नहीं दी है. साथ ही उन्होंने पार्टी की इस मांग को दोहराया कि केंद्र सरकार लड़ाकू विमानों के दाम का खुलासा करे और इस मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की फिर से जांच हो.