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UPA ने न तो HAL से बात की, न तो राफेल पर डील करने की मंशा थी: रक्षामंत्री

राफेल समझौते पर उठे विवाद पर बोलते हुए केन्द्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन ने लोकसभा में कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकार अपने कार्यकाल में कभी राफेल समझौते को पूरा करना नहीं चाहती थी. आज राफेल डील को लेकर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) पर घड़ियाली आंसू बहा रही है.

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रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण (फोटो-ANI)
रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण (फोटो-ANI)

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राफेल डील मामले पर कांग्रेस द्वारा लगाए आरोपों पर सरकार का पक्ष रखते हुए रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार पर जमकर हमले किए. लोकसभा में रक्षा मंत्री ने कहा कि कांग्रेस आज राफेल डील को लेकर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) पर घड़ियाली आंसू बहा रही है. लेकिन इस संबंध में न तो यूपीए सरकार ने HAL से कोई बात की थी और न ही राफेल डील करने की उनकी मंशा थी.

राफेल समझौते पर उठे विवाद पर बोलते हुए केन्द्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन ने लोकसभा में कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकार अपने कार्यकाल में कभी राफेल समझौते को पूरा करना नहीं चाहती थी. निर्मला ने कहा कि आज विपक्ष में बैठ कर कांग्रेस पार्टी रक्षा मंत्रालय की कंपनी एचएएल के लिए आंसू बहा रही है लेकिन सच्चाई यह है कि उसके कार्यकाल में दसॉ से बातचीत में दसॉ-एचएएल द्वारा विमान बनाने का आपसी समझौता नहीं हुआ था.

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पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में संसद की स्थाई समिति की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार और फ्रांसीसी कंपनी के बीच एचएएल द्वारा राफेल निर्माण की संभावनाओं को तलाशते हुए कहा गया कि एचएएल यदि राफेल विमान को भारत में निर्मित करता तो उसे एक विमान बनाने में 2.7 गुना अधिक मैन-टाइम लगता जिसमें विमान को फ्रांस में बनाने में लग रहा है.

निर्मला ने खुलासा किया कि आज विपक्ष में बैठकर कांग्रेस पार्टी एचएएल के लिए मोदी सरकार पर आरोप लगा रही है, लेकिन सच्चाई यह है कि उसके कार्यकाल में जब दसॉ के साथ भारत में विमान निर्माण करने की संभावना तलाशी जा रही थी, तब दसॉ ने एचएएल द्वारा निर्मित होने वाले राफेल की गारंटी देने से मना कर दिया था.

रक्षामंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने एचएएल के सुधार के लिए कोई कदम नहीं उठाया है. बस वो उसे सिर्फ राहत देती रही है. जबकि हम एचएएल की हालत को सुधारने के लिए लगातार कदम उठा रहे हैं.

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