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वायुसेना में नई जान फूंकेगा 36 राफेल लड़ाकू विमानः मनोहर पर्रिकर

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने शनिवार को कहा कि फ्रांस के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद का सौदा होने से भारतीय वायु सेना को कुछ राहत मिलेगी. पर्रिकर की माने तो 36 राफेल लड़ाकू विमान वायुसेना में नई जान फूंक देगा. इन विमानों को दो वर्ष में वायुसेना में शामिल किया जाएगा.

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मनोहर पर्रिकर
मनोहर पर्रिकर

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने शनिवार को कहा कि फ्रांस के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद का सौदा होने से भारतीय वायु सेना को कुछ राहत मिलेगी. पर्रिकर की माने तो 36 राफेल लड़ाकू विमान वायुसेना में नई जान फूंक देगा. इन विमानों को दो वर्ष में वायुसेना में शामिल किया जाएगा.

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पेरिस में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलोंद के बीच बातचीत के बाद इन लड़ाकू विमानों को खरीदने के बारे में हुए फैसले को पर्रिकर ने बहुत अच्छा करार दिया और कहा कि इससे वायुसेना को मजबूती मिलेगी. पर्रिकर ने कहा, ‘भारतीय वायुसेना को इस सौदे से जरूरी न्यूनतम राहत मिलेगी. वास्तव में हमने (पिछले) 17 सालों में नई पीढ़ी का कोई बड़ा विमान नहीं खरीदा है.’

'PM मोदी का फैसला बहुत सकारात्मक'
उन्होंने कहा, ‘यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से बेहतर शर्तों पर किया गया अच्छा फैसला है. दो स्क्वाड्रन के लिए 36 विमान खरीदना एक बहुत सकारात्मक फैसला है जिसकी जरूरत थी.’ मोदी ने शुक्रवार को पेरिस में कहा था कि भारत ‘देश में लड़ाकू विमानों की महत्वपूर्ण परिचालन जरूरतों को ध्यान में रखते हुए’ फ्रांस से जल्द ही 36 राफेल लड़ाकू विमान उड़ान भरने के लिए तैयार अवस्था में खरीदेगा.

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'सालों से अटकी हुई थी ये डील'
पर्रिकर ने कहा, ‘इन विमानों की खरीद के लिए अनुरोध पत्र कई सालों से अटका हुआ था. इसकी शुरुआत 2000 में हुई थी और काफी उलझनों के चलते यह पूरा नहीं हो पा रहा था, इसलिए मैं काफी खुश हूं कि प्रधानमंत्री ने यह पहल की है.’ पर्रिकर ने कहा कि लड़ाकू विमानों को दो वर्ष की अवधि के भीतर वायुसेना में शामिल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस सौदे को लेकर आखिरकार सफलता मिली. पर्रिकर ने इसका कोई कारण नहीं बताया कि इन बहुप्रतीक्षित लड़ाकू विमानों को वायुसेना में शामिल करने के लिए अधिकतम दो वर्ष का समय क्यों लगेगा?

'... तो इसलिए लगेगा 2 साल का समय'
विशेषज्ञों का मानना है कि समय की जरूरत, आगे कीमत को लेकर होने वाली बातचीत और विमान को भारतीय जरूरतों के हिसाब से दुरुस्त करने में पड़ेगी. हो सकता है कि दोनों सरकारों के बीच बातचीत पूरी हो गई हो लेकिन संभव है कि बलों को उत्पादन कंपनी दसाल्त के साथ सौदे को अंतिम रूप देना हो. पर्रिकर ने कहा कि 36 राफेल विमान के लिए प्रारंभिक खरीद के बाद देश के पास ‘मेक इन इंडिया पहल या राफेल तरह की व्यवस्था’ के तहत ऐसे और विमान होंगे.

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'मिग21, मिग27 और सुखोई30 के साथ वायुसेना में शामिल होगा राफेल'
उन्होंने ने कहा कि राफेल पांचवीं पीढ़ी का विमान है जो मिग21, मिग27 और सुखोई30 जैसे पुरानी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के साथ वायुसेना में शामिल होगा. उन्होंने कहा, ‘हमारे पास पुरानी पीढ़ी के विमान हैं जिन्हें सीमित जीवन काल के लिए अपग्रेड किया गया. वास्तव में मिग21 अपने जीवन के आखिरी हिस्से में है.’ रक्षा मंत्री पर्रिकर ने कहा कि राफेल को भारतीय वायुसेना में शामिल करने में दो वर्ष का समय लग सकता है क्योंकि ‘उड़ान भरने के लिए तैयार अवस्था’ का मतलब यह नहीं है कि हमें वह कल ही मिल जाएंगे. उन्होंने कहा, ‘विमानों को भारत की जरूरत के मुताबिक डिजाइन करना होगा.’ उन्होंने बताया कि कीमत को लेकर बातचीत होगी जिसे वर्तमान में 700 करोड़ रुपये आंका गया है.

'हमें हल्के विमान की जरूरत'
उन्होंने कहा, ‘हमें एकल इंजन तरह के हल्के विमान की जरूरत है. साथ ही हमें गहरी पैठ वाले दोहरे इंजन वाले विमानों भी की जरूरत है जिसकी प्रौद्योगिकी और अन्य उपकरण नवीनतम हों जो भारत को उसके पारंपरिक दुश्मनों पर बढ़त प्रदान कर सके.’ उन्होंने कहा कि 36 विमानों की खरीद अंतर को तत्काल भरने के लिए है. उन्होंने कहा कि हल्के लड़ाकू विमान तेजस का अगले महीने अंतिम उड़ान परीक्षण होगा. उन्होंने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ भारत की वायुसेना की ताकत के लिए एक दीर्घकालिक हल है. पर्रिकर के मुताबिक, ‘हमें तेजस के विकास को आगे बढ़ाना होगा और हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि हम कुछ उच्च श्रेणी के विमान भी बनाएं.’

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इनपुट भाषा से

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