भारतीय वायुसेना की ताकत में एक बड़ा इजाफा होने जा रहा है. फाइटर जेट राफेल की पहले खेप जल्द ही भारत पहुंचने वाली है. बताया जा रहा है कि 29 जुलाई को अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर पांच राफेल विमानों का पहला बैच वायुसेना में शामिल किया जाएगा. हालांकि, वायुसेना में राफेल की फाइनल एंट्री अगले महीने अगस्त में कराई जाएगी.
राफेल आने से निश्चित ही भारतीय वायुसेना की ताकत में अभूतपूर्व इजाफा होने जा रहा है. राफेल से लंबी दूरी पर आसानी से मिसाइल लॉन्च किए जा सकते हैं. एयर स्ट्राइक में ये फाइटर जेट सबसे ज्यादा कारगार साबित होगा. भारतीय वायुसेना के पास कुल 36 राफेल आने हैं, जो अगले दो साल में मिलने की उम्मीद है.
राफेल से पहले भी भारतीय वायुसेना में ऐसे फाइटर जेट शामिल हैं जो दुश्मन को परेशान करने के लिए काफी हैं. वायुसेना के पास फिलहाल सुखोई, मिराज, मिग-29, जगुआर, LCA और मिग-21 जैसे फाइटर जेट हैं. इनके अलावा ट्रांसपोर्ट, हेलिकॉप्टर, ट्रेनर और एरोबिक टीम के जेट व हेलिकॉप्टर्स हैं.
AVRO- ये जेट मुख्य रूप से मिलिट्री ट्रांसपोर्ट के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसकी क्षमता 6 टन तक भार ले जाने की है. ये जेट 452 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है.
EMBRAER एयरक्राफ्ट का काम मुख्यत: वीवीआईपी को ले जाना. यानी मंत्रियों के देशी या विदेशी दौरे में इस विमान का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा Boeing 737-200 का उपयोग भी मंत्रियों के दौरों में किया जाता है.
CHETAK: सिंगल इंजन वाला चेतक हेलिकॉप्टर फ्रांस से लिया गया था. इसमें 3 यात्री बैठ सकते हैं. ये हेलिकॉप्टर 100 किलो का अतिरिक्त भार भी उठा सकता है. इसकी स्पीड 121 किलोमीटर प्रति घंटा है और 4 मिनट के अंदर ये 1 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है. वहीं, चेतक भी फ्रेंच हेलिकॉप्टर है. इसमें 6 लोग आ सकते हैं और इसकी स्पीड 220 किलोमीटर प्रति घंटे की है. राहत-बचाव के काम में इन हेलिकॉप्टर्स का इस्तेमाल अक्सर देखा जाता है.
इनके अलावा भारत के पास MI-17 V5, MI-26, MI-25/MI-35 जैसे लड़ाकू हेलिकॉप्टर भी हैं. MI-25/MI-35 एंटी टैंक मिसाइल से भी लैस है.
C-17 एक ऐसा एयरक्राफ्ट है जो 40-70 टक तक पेलॉड ले जा सकता है. एक बार में ये विमान 4200-9000 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकता है. इसके अलावा C-130J का इस्तेमाल लोगों को बचाने वाले ऑपरेशन में किया जाता है.
Jaguar- डबल इंजन वाला ये एयरक्राफ्ट दुश्मन के लिए मौत के बराबर है. इसकी अधिकतम स्पीड 1350 किलोमीटर प्रति घंटा है और इसमें 33 mm की दो गन हैं. इस एयरक्राफ्ट में 4750 किलो तक बम और फ्यूल लोड किया जा सकता है.
MiG-21 BISON- इस फाइटर एयरक्राफ्ट को भारतीय वायुसेना की रीड़ की हड्डी कहा जाता है. इसकी स्पीड 2230 किलोमीटर प्रति घंटा है. इस जेट से R-60 जैसे चार कॉम्बैट मिसाइल का इस्तेमाल किया जा सकता है.
वहीं, MiG-27, MiG-29 जैसे फाइटर विमान भी भारत की ताकत को बहुत ऊंचाई ले जाते हैं. ये जेट मिसाइलों से लैस होते हैं और दुश्मन पर मौत बनकर बरसते हैं.
Mirage-2000 भी वायुसेना का हिस्सा है. सिंगल सीटर और सिंगल इंजन वाला यह फाइटर जेट 2495 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है. इस जेट से सुपर 530D मीडियम रेंज मिसाइल और R-500 मैजिक मिसाइल लॉन्च किए जा सकते हैं.
SU-30 MKI- डबल सीटर और डबल इंजन वाला यह जेट रूस से लिया गया है. इसमें 8 हजार किलो तक भार के हथियार रखे जा सकते हैं. इसमें मीडियम रेंज का एयर-टू-एयर मिसाइल रखा जा सकता है. यानी हवा में मिसाइल लॉन्च करने वाला यह फाइटल दुश्मन के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक है. इसकी स्पीड 2500 किलोमीटर प्रति घंटा है. इनके अलावा भारतीय वायुसेना की लिस्ट में तेजस, AN-32, HAWK, ALH भी शामिल है.
भारतीय वायुसेना के इस ताकतवर खजाने में अब एक और नाम जुड़ गया है और वो है राफेल. एयर स्ट्राइक के लिए राफेल बहुत ही मुफीद है. लंबी दूरी पर दुश्मन के ठिकानों का राफेल से आसानी से टारगेट किया जा सकता है.