संसद में शुक्रवार को दोनों सदनों में राफेल डील पर जोरदार हंगामा देखने को मिला. एक अंग्रेजी अखबार की खबर के बाद कांग्रेस समेत विपक्षी दल सरकार पर निशाना साधते दिखे. राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में अपमानजनक पोस्टर को सभापति वेंकैया नायडू ने नियमों के खिलाफ बताते हुए घटना की जांच कराने का आदेश दिया है.
उच्च सदन में शून्यकाल शुरू होने पर कुछ सदस्यों ने सभापति को कुछ पोस्टर बांटे जाने की जानकारी दी. सदस्यों ने बताया कि उनके स्थान पर रखे इस पोस्टर में प्रधानमंत्री के खिलाफ नारे लिखे हुए हैं. नायडू ने पूछा कि सदन में कोई व्यक्ति पोस्टर कैसे बांट सकता है. उन्होंने इसे निहायत गलत बताते हुये राज्यसभा के महासचिव को इस घटना की जांच कराने का आदेश दिया.
उच्च शिक्षण संस्थाओं में आरक्षण और राफेल सहित अन्य मुद्दों पर राज्यसभा में विपक्षी दलों के लगातार हंगामे के कारण बजट सत्र के दौरान उच्च सदन की बैठक लगातार बाधित है. आज भी संसद के दोनों सदनों में राफेल के मुद्दे पर गतिरोध बना रहा. लोकसभा में कांग्रेस सांसदों ने डील की जेपीसी जांच की मांग को लेकर सदन में जोरदार प्रदर्शन किया. साथ ही सदन में अंतरिम बजट पर जारी चर्चा से खुद को बाहर रखते हुए वॉकआउट भी किया.
रक्षा मंत्री ने किया पलटवार
लोकसभा में भारी हंगामे के बीच रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने राफेल पर आरोपों का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि पीएमओ ने हर काम की प्रगति की रिपोर्ट मांगी है और इस दखल नहीं कहा जा सकता. उन्होंने अखबार की खबर को सच्चाई से परे बताते हुए कहा कि इसमें सभी पक्षों की बात नहीं कही गई है. कांग्रेस पर पलटवार करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि पहले पीएमओ को एनएसी चलाती थी, क्या तब दखल नहीं दी जा रही थी.
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस गड़े मुर्दे उखाड़ रही है. उन्होंने कहा कि विपक्ष बहुराष्ट्रीय कंपनियों और निहित स्वार्थ से जुड़े तत्वों के हाथों में खेल रहा है. उन्होंने कहा कि सदन में राफेल डील पर चर्चा के दौरान सरकार की ओर से हर आरोप का जवाब पहले ही दिया जा चुका है.