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मार्कंडेय काटजू बोले, शर्मनाक है रैगिंग

प्रेस काउंसिल के चेयरमैन मार्कंडेय काटजू ने रैगिंग को 'शर्मनाक' करार देते हुए रैगिंग को 'शर्मनाक' करार देते हुए कहा कि इससे छात्रों का मनोबल गिर सकता है और इससे वे खुदकुशी भी कर सकते हैं.

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मार्कंडेय काटजू
मार्कंडेय काटजू

प्रेस काउंसिल के चेयरमैन मार्कंडेय काटजू ने रैगिंग को 'शर्मनाक' करार देते हुए रैगिंग को 'शर्मनाक' करार देते हुए कहा कि इससे छात्रों का मनोबल गिर सकता है और इससे वे खुदकुशी भी कर सकते हैं.

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सुप्रीम कोर्ट के जज रह चुके काटजू ने ग्वालियर के सिंधिया स्कूल में बिहार के एक छात्र के साथ कथित रैगिंग का उल्लेख करते हुए यह बात कही है. उन्होंने कहा, 'हमें ब्रिटिश काल के सभी कृत्यों की नकल करने की जरूरत नहीं है, खासकर तब, जब यह रैगिंग जैसा बुरा कृत्य हो.'

काटजू ने अपने ब्लॉग पर लिखा है, 'मेरे विचार से रैगिंग एक शर्मनाक कृत्य है और इसे रोका जाना चाहिए. यह समझना चाहिए कि कोई नया छात्र संस्थान में आम तौर पर डरा होता है क्योंकि वह नए माहौल में आया होता है. उसे भावनात्मक सहयोग और अपने सीनियर्स से मदद की जरूरत होती है.'

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