ऐसे समय में जब राजनीतिक पारदर्शिता के खिलाफ कांग्रेस-बीजेपी एक हो गए हैं, आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने आरटीआई कानून में संशोधन का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि नेताओं को पारदर्शिता से नहीं डरना चाहिए.
आरजेडी नेता ने कहा, 'मैं दोनों ही बातों से सहमत नहीं हूं. एक तो राजनीतिक दल आरटीआई के दायरे से बाहर निकलने के लिए एक साथ हो गए हैं और दूसरा सरकार इस संबंध में कानून में संशोधन कर रही है. हम पारदर्शिता से क्यों डर रहे हैं? हमें तो खुद ही अपने बारे में सूचना देनी चाहिए लेकिन हम सूचनाएं मांगने पर भी देने से इंकार कर रहे हैं.'
सभी राजनीतिक दल केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के आदेश का विरोध करने के लिए एकजुट हो गए हैं. सीआईसी ने अपने आदेश में कहा था कि छह बड़ी पार्टियां बीजेपी, कांग्रेस, बीएसपी, एनसीपी, सीपीएम और सीपीआई सार्वजनिक अथॉरिटी हैं और वे आरटीआई के दायरे में आती हैं.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले हफ्ते आरटीआई कानून में संशोधन का प्रस्ताव मंजूर किया था. सरकार ने दलील दी कि राजनीतिक दल व्यक्तियों का संघ है, न कि सार्वजनिक अथॉरिटी. सरकार मॉनसून सत्र के पहले हफ्ते में ही संशोधन पारित कराना चाहती है.