1994-95 में राहुल गांधी ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के ट्रिनिटी कॉलेज में 'राउल विंसी' नाम से एडमिशन लिया था, यह बात अब साफ हो गई है. बताया जाता है कि 1991 में अपने पिता की हत्या के बाद राहुल के करीबी उनकी सुरक्षा को लेकर फिक्रमंद थे, जिसकी वजह से उन्हें नाम बदलकर दाखिला लेना पड़ा. एक अंग्रेजी अखबार ने यूनिवर्सिटी सू्त्रों के हवाले से यह खबर दी है.
अखबार में छपी खबर के मुताबिक, कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के ट्रिनिटी कॉलेज से ही राहुल के परदादा जवाहर लाल नेहरू और पिता राजीव गांधी ने पढ़ाई की थी. जवाहर ने नैचुरल साइंसेस औऱ राजीव ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई यहां से की थी. हालांकि माना जाता है कि राजीव ने अपनी डिग्री पूरी नहीं की थी.
वहीं ब्रिटेन में रहने वाले एक शिक्षाविद ने राहुल गांधी के कैंब्रिज ग्रेजुएट होने से जुड़ी अटकलों पर विराम लगाने की कोशिश करते हुए कहा है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष को इस मशहूर यूनिवर्सिटी में एडमिशन दिलाने में उन्होंने मदद की थी. कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के ट्रिनिटी कॉलेज के फेलो डॉ. अनिल सील ने कहा, 'हां कुछ साल पहले राहुल जब ट्रिनिटी आए तो मैंने उनकी मदद की, लेकिन मैंने वास्तव में विकास अध्ययन की शिक्षा नहीं दी.'
डॉ. सील राहुल और उनसे पहले उनके पिता राजीव के निजी शिक्षक के रूप में खुद को पेश किए जाने से जुड़े सवालों का जवाब दे रहे थे. पिछले साल नवंबर में प्लस 91 के बुलाए इंडिया समिट में एक शिक्षा पैनल में ये टिप्पणियां की गई थी.
कैंब्रिज यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर प्रो. एलिसन रिचर्ड ने हाल ही में एक चिट्ठी में इस बात की पुष्टि की थी कि राहुल को 1995 में 'राउल विंसी' नाम से विकास अध्ययन में एमफिल की उपाधि दी गई थी. उनके हवाले से बताया गया था, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि आपकी डिग्री के बारे में विवाद पैदा हुआ और हम फौरन इस विवाद को खत्म करना चाहते हैं.
गौरतलब है कि हाल में एक टीवी चैनल पर दिए इंटरव्यू में भी राहुल से सुब्रमण्यम स्वामी के उन आरोपों के पर प्रतिक्रिया मांगी गई थी जिसमें बीजेपी नेता ने उनकी डिग्री पर सवाल खड़े किए थे. इसके जवाब में राहुल ने कहा था, 'आप चाहते हैं कि मैं आपको डिग्री दिखाऊं? मैं दिखा सकता हूं. शायद उन्होंने मेरी डिग्री देखी भी है. मैंने उन डिग्रियों के सच होने की शपथ पत्र दे चुका हूं.'