scorecardresearch
 

जल, जमीन और जंगल का मैनेजमेंट आदिवासियों के हाथ में हो: राहुल

राहुल गांधी ने कहा कि जल, जमीन और जंगल जहां आदिवासी रहते हैं, ये उनका है. इसका मैनेजमेंट आदिवासियों के हाथ में होना चाहिए.

Advertisement
X
स्वराज सम्मेलन में राहुल गांधी
स्वराज सम्मेलन में राहुल गांधी

Advertisement

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस बात का समर्थन किया है कि जल, जमीन और जंगल पर पहला हक आदिवासियों का है. उन्होंने कहा कि इसका मैनेजमेंट भी आदिवासियों के हाथ में होना चाहिए.

छत्तीसगढ़ में जनस्वराज सम्मेलन को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'जल, जमीन और जंगल जहां आदिवासी रहते हैं, ये उनका है. इसका मैनेजमेंट आदिवासियों के हाथ में होना चाहिए. ये ही ट्राइबल बिल का लक्ष्य होना चाहिए. ऊपर से उनको कोई ऑर्डर न दे सके.'

उन्होंने कहा कि गांधी जी ने जब स्वराज की बात की थी तो उनका कहना था कि हिंदुस्तान को चलाने के लिए हर नागरिक की भागीदारी हो. उन्होंने कहा कि संघ और बीजेपी की कोशिश है कि जनता, आदिवासी, कमजोर लोगों की आवाज कुचलें. भाजपा और आरएसएस का यही लक्ष्य है कि महिलाओं, गरीबों, किसानों की आवाज को दबाओ और हिंदुस्तान का धन चंद चुने हुए लोगों को दे दो.

Advertisement

उन्होंने कहा, 'आदिवासियों के जल, जमीन और जंगल की रक्षा कांग्रेस पार्टी करेगी और उनके लिये बनाए गए कानूनों की रक्षा भी करेगी. ये लड़ाई हमें मिलकर लड़ना है. आप गांव के स्तर पर लड़ रहे हैं, हम कर्नाटक में, सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे हैं.'

आदिवासियों की जमीन उद्योगपतियों को दे रही बीजेपी

राहुल गांधी ने कहा, 'कांग्रेस जनता की आवाज को मजबूत करना चाहती है. लेकिन आरएसएस और भाजपा नहीं चाहते कि इस देश की गरीब जनता की आवाज़ सुनी जाए. वे आदिवासियों की धन और जमीन अपने प्रिय उद्योगपतियों को देना चाहते हैं. आदिवासियों की जमीन नरेंद्र मोदी जी के मित्र मोदी नीरव को दी जाती है. यही तो गुजरात मॉडल है.'

उन्होंने कहा, 'आम तौर से जनता न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट जाती है, 70 साल में पहली बार आपने देखा होगा कि सुप्रीम कोर्ट के जज जनता के पास आकर कह रहे हैं कि हमें दबाया जा रहा है, हम अपना काम नहीं कर पा रहे हैं.'

Advertisement
Advertisement