कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को राजधानी दिल्ली में देश के अलग-अलग हिस्सों के आए शिक्षाविदों से संवाद किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं यहां शिक्षक के तौर पर नहीं आया हूं, बल्कि छात्र के रूप में आया हूं ताकि आपके विचारों को सुन सकूं. शिक्षकों से संवाद में राहुल ने मोदी सरकार से लेकर आरएसएस के खिलाफ जमकर टीका-टिप्पणी कीं. उन्होंने कहा कि देश किसी एक विचार पर नहीं चल सकता है.
शाह पर निशानाराहुल गांधी ने आरएसएस और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि अमित शाह ने भारत के लिए कहा, 'ये सोने की चिड़िया है', यानी वो भारत को एक प्रोडक्ट के तौर पर देखते हैं. राहुल ने कहा कि यही आरएसएस और भाजपा का दृष्टिकोण है. जबकि मेरे लिए भारत के साथ बातचीत किए बिना भारत का नेतृत्व करना असंभव है.
उन्होंने कहा कि हम आरएसएस द्वारा 'सोने की चिड़िया' पर कब्जा करने की कोशिश के खिलाफ लड़ रहे हैं. शिक्षण संस्थान, सुप्रीम कोर्ट, चुनाव आयोग इन सभी पर धीरे-धीरे कब्जा किया जा रहा है.
मोहन भागवत कौन हैं?अपने भाषणों में हमेशा आरएसएस की मुखालफत करने वाले राहुल गांधी ने शिक्षकों के बीच भी संगठन की जमकर आलोचना की. राहुल ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के देश को संगठित करने वाले बयान पर कहा, 'मोहन भागवत देश को संगठित करने वाले आप कौन हैं? क्या आप कोई भगवान हैं? देश स्वयं खुद को जोड़ लेगा.'
राहुल गांधी ने आगे कहा, 'देश में ऐसा लग रहा है कि एक विचार थोपा जा रहा है. आज किसान, मजदूर, नौजवान हर कोई कह रहा है कि 1.3 अरब का देश किसी एक खास विचार के जरिए नहीं चलाया जा सकता.'
कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बनने वाले घोषणापत्र पर इसका स्पष्ट रूप से उल्लेख होगा कि सरकार बनने के बाद प्रतिवर्ष कितना खर्च शिक्षा पर किया जाएगा.
उन्होंने संवाद कार्यक्रम में कहा, 'भारत की शिक्षा व्यवस्था के बारे में कुछ चीजों पर समझौता नहीं हो सकता. महत्वपूर्ण बात यह कि भारतीय शिक्षण व्यवस्था को अपनी राय रखने की अनुमति होनी चाहिए. गुरु वो है जो आपको दिशा देता है और आपको अभिव्यक्ति के लिए प्रोत्साहित करता है. गुरु को अपनी बात रखने का अधिकार होना चाहिए.'
गांधी ने कहा, 'अगर आप चाहते हैं कि शिक्षा व्यवस्था काम करे तो उसमें सद्भाव होना जरूरी है. शिक्षक को महसूस होना चाहिए कि वह देश के लिए त्याग कर रहा है और बदले में देश भी उसे कुछ दे रहा है.'
ओबामा को किया यादराहुल गांधी ने इस दौरान अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा, 'जब ओबामा कहते हैं कि अमेरिका के लोग भारत के इंजीनियरों से स्पर्धा कर रहे हैं तो इसका मतलब यह है कि ओबामा आप लोगों की तारीफ कर रहे हैं. वह बुनियादी ढांचे की तारीफ नहीं कर रहे हैं.'
बता दें कि राहुल गांधी का यह कार्यक्रम पहले 18 अगस्त को प्रस्तावित था, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर शोक की वजह से इसे स्थगित कर दिया गया था. इसके लिए राहुल गांधी ने कार्यक्रम में मौजूद शिक्षकों से माफी भी मांगी.