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रेलवे के निजीकरण पर बोले राहुल- गरीबों का आखिरी सहारा भी छीन रही सरकार, जनता जवाब देगी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के उस फैसले पर सवाल खड़े किए हैं, जिसमें रेलवे की 100 से अधिक जोड़ी ट्रेनों को निजी हाथों में देने की बात कही है.

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मोदी सरकार पर हमलावर हैं राहुल गांधी
मोदी सरकार पर हमलावर हैं राहुल गांधी

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  • रेल मंत्रालय ने मांगा निजीकरण के लिए प्रस्ताव
  • कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उठाए सवाल
मोदी सरकार के द्वारा रेलवे में निजीकरण की ओर कदम बढ़ा दिए गए हैं. सरकार ने इसके लिए 109 जोड़ी ट्रेनों के लिए प्रस्ताव भी मांगा है. लेकिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सरकार का ये फैसला रास नहीं आया और उन्होंने केंद्र पर हमला बोल दिया.

गुरुवार को राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि रेल गरीबों की एकमात्र जीवन रेखा है और सरकार उनसे ये भी छीन रही है. जो छीनना है, छीनिये. लेकिन याद रहे- देश की जनता इसका करारा जवाब देगी.

आपको बता दें कि मोदी सरकार की ओर से काफी वक्त से इस पर विचार किया जा रहा था. अब रेल मंत्रालय ने 109 जोड़ी प्राइवेट ट्रेनें चलाने के लिए रिक्वेस्ट फॉर क्वॉलिफिकेशन (RFQ) मांगा है. सरकार को उम्मीद है कि इससे भारतीय रेलवे में निवेश बढ़ेगा, साथ ही साथ यात्रियों को बेहतर सुविधाएं भी मिलेंगी.

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अब निजी कंपनियां चलाएंगी 109 जोड़ी यात्री ट्रेनें, सरकार ने मांगे आवेदन

मोदी सरकार इस प्रस्ताव से करीब 30 हजार करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद लगाए बैठी है. इससे पहले भी केंद्र सरकार की ओर से कुछ सरकारी संस्थाओं के निजीकरण करने की कोशिश की गई, जिसपर राहुल गांधी अक्सर हमलावर रहे हैं. फिर चाहे अब रेलवे हो या फिर पहले एयर इंडिया को बेचने की बात हो.

राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस पार्टी के अन्य नेताओं और विपक्षी पार्टियों की ओर से सरकार के इस फैसले का विरोध किया गया है. हालांकि, सरकार अपने इस फैसले पर अडिग दिख रही है.

जानकारी के अनुसार, इन ट्रेनों को भारतीय रेलवे के ड्राइवर और गार्ड ऑपरेट करेंगे. रेलवे के ये 109 जोड़ी सभी ट्रेनें भारत में निर्मित होंगी. जिससे मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा. निजी कंपनियों की गाड़ियों के वित्तपोषण, खरीद, संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार होगी.

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