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ग्रीनपीस कार्यकर्ता प्रिया पिल्लई को राहुल गांधी का समर्थन!

नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ एक और मोर्चा खोलते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को एनडीए सरकार से टकराव मोल लेने वाली ग्रीनपीस कार्यकर्ता प्रिया पिल्लई समेत कई सामाजिक कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. राहुल ने कार्यकर्ताओं के संघर्ष में उनके साथ एकजुटता जाहिर की.

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राहुल गांधी की फाइल फोटो
राहुल गांधी की फाइल फोटो

नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ एक और मोर्चा खोलते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को एनडीए सरकार से टकराव मोल लेने वाली ग्रीनपीस कार्यकर्ता प्रिया पिल्लई समेत कई सामाजिक कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. राहुल ने कार्यकर्ताओं के संघर्ष में उनके साथ एकजुटता जाहिर की.

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सामाजिक कार्यकर्ताओं से मुलाकात के बाद राहुल गांधी के कार्यालय ने ट्वीट किया, 'सिविल सोसाइटी के नेताओं ने अभिव्यक्ति और असहमति की आजादी पर बीजेपी सरकार के लगातार हमलों के मुद्दे पर राहुल गांधी से मुलाकात की.'

गौरतलब है‍ कि ग्रीनपीस की वरिष्ठ कार्यकर्ता पिल्लई को 11 जनवरी को दिल्ली हवाई अड्डे पर लंदन जाने वाले एक विमान से उतार दिया गया था. लंदन में उन्हें ब्रिटिश सांसदों के सामने मध्य प्रदेश के महान क्षेत्र में मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन को लेकर एक प्रजेंटेशन देना था. यह घटना गृह मंत्रालय द्वारा ग्रीनपीस के कोषों पर रोक लगाए जाने के कुछ ही महीनों के भीतर घटी थी. इस मुद्दे ने बाद में एक बड़े विवाद का रूप ले लिया.

सिविल सोसाइटी सदस्यों द्वारा जारी एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि उन्होंने राहुल गांधी से मुलाकात की और सरकार द्वारा उनकी आजादी और स्वायत्ता और असहमति के अधिकार पर हमले पर चिंता जाहिर की.

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कौन-कौन गए थे मिलने
पिल्लई के अलावा एमकेएसएस के आरटीआई कार्यकर्ता निखिल डे, साउथ एशिया ह्यूमन राइट्स डॉक्यूमेंटेशन सेंटर के रवि नायर, साउथ एशिया फोरम फोर ह्यूमन राइट्स के तपन बोस, प्रोग्राम फोर सोशल एक्शन के महासचिव एमजे विजयन, नेशनल अलायंस ऑफ पीपुल्स मूवमेंट के राजेन्द्र रवि और आल इंडिया यूनियन ऑफ फॉरेस्ट पीपुल के अध्यक्ष जारजुम एते ने कांग्रेस उपाध्यक्ष से मुलाकात की.

'संसद और कैग के दायरे में हो खुफिया एजेंसी'
इस मुलाकात के दौरान राहुल गांधी ने सिविल सोसाइटी के सदस्यों को आश्वासन दिया कि कांग्रेस पार्टी संविधान प्रदत्त सभी मौलिक अधिकारों और नीति निर्देशक सिद्धांतों की रक्षा और उन्हें मजबूती प्रदान करने में अगुवाई करेगी. विज्ञप्ति में बताया गया, 'उन्होंने लोकतंत्र और असहमति पर अंकुश लगाए जाने संबंधी प्रतिनिधिमंडल की चिंताओं को साझा किया.' बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए के सहयोगी दलों से इतर बाकी सभी राजनीतिक दलों के साथ मुलाकात की श्रंखला में सिविल सोसाइटी नेताओं की राहुल के साथ यह पहली मुलाकात थी. उन्होंने मांग की कि सभी खुफिया एजेंसियों को संसद और कैग के तहत लाया जाना चाहिए.

कार्यकर्ताओं ने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष के साथ उनकी मुलाकात हिंदुत्ववादी अधिनायकवाद के उभार पर रोक लगाने की तत्काल जरूरत को रेखांकित करती है.

-इनपुट भाषा से

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