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कांग्रेस को हुआ 'मोदीफोबिया', राहुल गांधी का फरमान-बिना इजाजत मत दो नरेंद्र मोदी पर बयान

कांग्रेस अकसर ही बीजेपी को 'मोदीफोबिया' से बीमार बताती है, लेकिन पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने एक ऐसा फरमान जारी किया जिसके बाद सवाल उठने लगे हैं कि कहीं कांग्रेस भी 'मोदीफोबिया' की शिकार तो नहीं हो गई.

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राहुल गांधी
राहुल गांधी

कांग्रेस अकसर ही बीजेपी को 'मोदीफोबिया' से बीमार बताती है, लेकिन पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने एक ऐसा फरमान जारी किया जिसके बाद सवाल उठने लगे हैं कि कहीं कांग्रेस भी 'मोदीफोबिया' की शिकार तो नहीं हो गई.

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दरअसल, खबर है कि कांग्रेस नेताओं की बयानबाजी पर राहुल गांधी ने रोक लगा दी है. राहुल गांधी ने दो मीडिया कॉर्डिनेटर बनाए हैं, जिनकी मंजूरी के बिना पार्टी का कोई भी नेता बयान नहीं देगा.

राहुल गांधी ने दीपक अमीन और आरबी रमनी को कांग्रेस का मीडिया कॉर्डिनेटर नियुक्त किया है. यानी कि कांग्रेसी नेताओं को मोदी पर बयान देने के लिए अब इजाजत लेनी होगी. नेताओं को 24 घंटे पहले ही अपना बयान बताना होगा.

राहुल के फरमान के मुताबिक मोदी के बयान पर जवाब देने के लिए नेताओं को मीडिया कॉर्डिनेटरों से मंजूरी लेनी होगी और बिना इजाजत के बयानबाजी करने वाले खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

कांग्रेस के युवराज के इस आदेश का पार्टी के नेता मानेंगे या नहीं, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा. पर मोदी का असर कांग्रेस में जरूर दिखने लगा है.

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गौर करने वाली बात है कि नरेंद्र मोदी अकसर ही अपने भाषणों में केंद्र की यूपीए सरकार और कांग्रेस पार्टी की जमकर खिंचाई करते हैं, फिर जवाबी प्रतिक्रिया में कांग्रेस का हर नेता मोदी को मुंहतोड़ जवाब देने में लग जाता है. बयानबाजी के इस दौर में कभी पार्टी को सियासी मुनाफा मिलता है तो कभी फजीहत भी हो जाती है. पर चर्चा मोदी तक जरूर सीमित रह जाती है. राहुल के इस फरमान को कांग्रेस के एजेंडे में मोदी की महत्‍ता को कम करने की रणनीति से जोड़कर देखा जा सकता है.

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