बीते दिनों कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अमेठी के दौरे पर थे. इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी पर उन्होंने हमला बोलते हुए कहा कि अगर मैं 15 मिनट संसद में भाषण दूं तो प्रधानमंत्री मेरे सामने खड़े नहीं हो पाएंगे. राहुल गांधी की यह 'मुराद' आज पूरी होने जा रही है.
दरअसल, मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को आज अविश्वास प्रस्ताव पर अपने विचार रखने के लिए 38 मिनट का समय दिया गया है. कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी और सदन में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी इस प्रस्ताव पर बोल सकते हैं. वहीं सदन में बहुमत वाली सत्तारूढ़ बीजेपी को चर्चा में तीन घंटे और 33 मिनट का समय दिया गया है.
पीएम ने किया था पलटवार
राहुल गांधी के 15 मिनट मांगने वाले बयान का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पलटवार किया था. बीते दिनों प्रधानमंत्री ने कर्नाटक के चुनाव प्रचार के दौरान कहा कहा, 'कांग्रेस अध्यक्ष ने मुझे चुनौती दी है कि अगर वह 15 मिनट संसद में बोलेंगे तो मैं वहां बैठ नहीं पाऊंगा, लेकिन वह अगर 15 मिनट बोलेंगे यह भी बड़ी बात है और मैं बैठ नहीं पाऊंगा तो मुझे याद आता है कि क्या सीन है.'
प्रधानमंत्री ने तंज करते हुए कहा था कि हम कांग्रेस के अध्यक्ष के सामने नहीं बैठ सकते हैं, आप नामदार हैं हम कामदार हैं. हम तो अच्छे कपड़े भी नहीं पहन सकते हैं आपके सामने कैसे बैठेंगे. पीएम ने तंज कसते हुए कहा, 'आप (राहुल) जिस भाषा में भी बात कर सकें, हाथ में कागज लिए बगैर कर्नाटक सरकार की उपलब्धियां ही जनता के सामने बोल दीजिए.' पीएम मोदी यही नहीं रुके उन्होंने कहा कि राहुल बिना कागज के 15 मिनट केवल बोलकर दिखाएं. राहुल गांधी 15 मिनट में केवल 5 बार विश्वेश्वरैया का नाम लेकर दिखाएं.
अविश्वास प्रस्ताव लाने वाली तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) आज लोकसभा में इस पर चर्चा की शुरुआत करेगी. लोकसभा अध्यक्ष ने बोलने के लिए टीडीपी को 13 मिनट का समय दिया है. पार्टी की ओर से जयदेव गल्ला पहले वक्ता होंगे.
वहीं अन्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक , तृणमूल कांग्रेस , बीजू जनता दल (बीजद), तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) को क्रमश: 29 मिनट , 27 मिनट , 15 मिनट और 9 मिनट का समय दिया गया है.
बुधवार को प्रस्ताव को मिली मंजूरी
बता दें कि बुधवार को लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने तेलुगू देशम पार्टी के सांसदों की तरफ से दिए गए अविश्वास प्रस्ताव की स्वीकार कर लिया था. टीडीपी के अलावा वाईएसआर कांग्रेस भी इस प्रस्ताव का समर्थन कर रही है. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस, एआईएडीएमके, एआईएमआईएम और आम आदमी पार्टी ने भी अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने की घोषणा की है. मोदी सरकार के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव है.