राहुल गांधी के अमेठी दौरे के दूसरे दिन भी काफी अफरा-तफरी का माहौल रहा. इस दौरान राहुल ने अपने रोड शो में कई बदलाव किए.
मुंशीगंज से निकलने के बाद राहुल गांधी को मुसाफिरखाना के स्कूल में जाना था लेकिन ऐन मौके पर राहुल गांधी स्कूल के भीतर नहीं गए. लिहाजा, स्कूल में मौजूद करीब 600 स्कूली लड़कियों को 3 घंटे इंतजार करने के बाद भी मायूस होना पड़ा.
जब उन्हें पता चला कि राहुल गांधी नहीं आ रहे हैं तो कई स्कूली बच्चियां गुस्से में बिफर पड़ीं, उन्होंने कहा कि वह जैसे अपमानित महसूस कर रही हैं. कई घंटे इंतजार करने के बाद राहुल गांधी नहीं आए उन्हें बहुत बुरा लग रहा है.
गौरतलब है कि मंगलवार को ही बच्चों की परीक्षा भी थी लेकिन राहुल गांधी के आगमन की खबर के बाद परीक्षा को कुछ देर से शुरू करने का फैसला किया गया था.
बताते चलें कि राहुल गांधी को एंग्लो हिंदुस्तानी नाम के स्कूल में बच्चों से मिलना था, कंबल वितरण करना था और साथ ही पौधारोपण भी करना था. सारे इंतजाम के बावजूद राहुल गांधी ने स्कूल में जाना रद्द कर दिया और गेट से वापस चले गए.
राहुल गांधी के स्कूली बच्चों से मिलने पर उनमें खासी नाराजगी थी. गुस्साए लोगों ने राहुल के नहीं आने पर स्कूल के बाहर उनके खिलाफ नारेबाजी भी की. साथ ही मोदी-मोदी के नारे भी लगाए. इधर, राहुल गांधी मुसाफिरखाना की तरफ से गौरीगंज निकल गए.
दरअसल, सुबह करीब 11 बजे जब राहुल गांधी रोड शो के लिए निकले तो उन्हें मुसाफिरखाना होते हुए गौरीगंज जाना था. लेकिन, गौरीगंज में पहले से ही तमाम बीजेपी कार्यकर्ता हाथों में तख्तियां लेकर जमे हुए थे. इन पर लिखा था कि अमेठी के खोए हुए सासंद राहुल गांधी का स्वागत है. सैंकडों की संख्या में आए इन कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी के पहुंचने से पहले ही नारेबाजी शुरू कर दी.
इस दौरान वहां मौजूद कांग्रेस और बीजेपी कार्यकर्ताओं में हाथापाई शुरू हो गई. मौके पर मौजूद पुलिस ने भीड़ को हटाने के लिए लाठी चार्ज किया. हालांकि, तब तक माहौल बिगड़ चुका था और एसपीजी व शहर प्रशासन ने राहुल को गौरीगंज जाने से मना कर दिया. जिसके बाद राहुल को गौरीगंज पहुंचने का रास्ता बदलना पड़ा और वो गांवों से होते हुए वहां पहुंचे.