राहुल गांधी ने शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाल लिया. राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष पद का सर्टिफिकेट मिल गया है, जिसके बाद वो औपचारिक तौर पर पार्टी के अध्यक्ष बन गए हैं. सोनिया गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष निर्वाचित होने पर राहुल गांधी को बधाई, शुभकामनाएं और आशीर्वाद दिया.
राहुल की सहनशीलता पर गर्व
उन्होंने कहा, 'मैं राहुल को अध्यक्ष बनने की शुभकामनाएं, बधाई और आशीर्वाद देती हूं. मैं एक मां के तौर पर राहुल की तारीफ नहीं करना चाहती. मुझे राहुल की सहनशीलता पर गर्व है जिससे वे निडर और साहसी बने हैं. राजनीति में आने पर राहुल ने ऐसे भयंकर व्यक्तिगत हमले का सामना किया जिसने उसे और निडर इंसान बनाया है. उन्होंने कहा कि एक नया दौर, एक नये नेतृत्व की उम्मीद आपके सामने है."
अध्यक्ष पद संभालते वक्त दिल में थी घबराहट
उन्होंने कहा, 'आज मैं आखिरी बार कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर संबोधित कर रही हूं. 20 साल पहले जब मुझे अध्यक्ष चुना गया, तब मेरे दिल में घबराहट थी, यहां तक कि मेरे हाथ कांप रहे थे. मेरे सामने बहुत कठिन कर्तव्य था.'
चाहती थी पति और बच्चों को राजनीति से दूर रखना
उन्होंने कहा, 'इंदिरा जी ने मुझे बेटी के रूप में अपनाया. जब उनकी की हत्या हुई तो मुझे मां खोने का गम हुआ. मैं राजनीति को अलग नजरिए से देखना चाहती थी, मैं अपने पति और बच्चों को राजनीति से दूर रखना चाहती थी. लेकिन इंदिरा और राजीव के बलिदान को ठेस न पहुंचे इसलिए राजनीति में आईं.'
'हम डरने वालों में से नहीं हैं'
सोनिया ने कहा कि सत्ता, स्वार्थ और शोहरत हमारा मकसद नहीं है. देश में भय का माहौल है, हम डरने और झुकने वाले नहीं हैं. कांग्रेस को अंतर्मन में झांककर आगे बढ़ना पड़ेगा और खुद को भी दुरुस्त करना पड़ेगा.
समाज के हर तबके का किया विकास
उन्होंने कांग्रेस पार्टी के लाखों कार्यकर्तागण की सरहाना की. कहा- कार्यकर्तागण इस पूरी यात्रा में मेरे हमसफर रहे हैं. मैंने आपसे जो सीखा उसकी कोई तुलना नहीं हो सकती. हमने समाज के हर तबके का प्रतिनिधित्व और विकास किया, हमने ऐसे कानून बनाए जो जनता के अधिकारों पर आधारित थे.