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विपक्षी युवा नेताओं से राहुल की बेजोड़ केमिस्ट्री, बढ़ा सकती है मोदी की मुश्किल

कांग्रेस में राहुल राज आने से पार्टी के युवा नेताओं के भी अच्छे दिन आने वाले हैं. कांग्रेस के युवा नेताओं के साथ-साथ सहयोगी दलों के युवा नेताओं से भी राहुल गांधी के अच्छे रिश्ते हैं. ऐसे में राहुल गांधी यूथ पॉलिटिक्स के जरिए बीजेपी और मोदी के सामने मुश्किलें बढ़ाएंगे.

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी

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देश की करीब 130 साल पुरानी कांग्रेस पार्टी की कमान अब राहुल गांधी के युवा हाथों में है. राहुल गांधी आखिरकार सोमवार को कांग्रेस के निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं. कांग्रेस में राहुल राज आने से पार्टी के युवा नेताओं के भी अच्छे दिन आने वाले हैं. कांग्रेस के युवा नेताओं के साथ-साथ सहयोगी दलों के युवा नेताओं से भी राहुल गांधी के अच्छे रिश्ते हैं. ऐसे में राहुल गांधी यूथ पॉलिटिक्स के जरिए बीजेपी और मोदी के सामने मुश्किलें बढ़ा सकते हैं.

मोदी से बीस साल छोटे राहुल

बता दें कि मौजूदा दौर की राजनीति में राहुल गांधी को पीएम मोदी के मुकाबले खड़े होना है. राहुल की उम्र अभी महज 46 साल है. जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 67 साल के उम्र के पड़ाव पर हैं. मोदी राहुल से करीब 20 साल ज्यादा बड़े हैं. राहुल के सामने लंबी राजनीतिक पारी खेलने का अभी समय है. वहीं मोदी की सियासी राह में उम्र बैरियर बन रही है.

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राहुल राजनीति के यूथ आईकॉन

राहुल गांधी पिछले एक दशक से भारतीय राजनीति में यूथ आईकॉन बने हुए हैं. कांग्रेस के युवा नेताओं के पसंद बने हुए हैं. राहुल पार्टी के महासचिव और उपाध्यक्ष पद पर रहते हुए किए गए बदलावों में सबसे अहम है पार्टी में आंतरिक लोकतांत्रिक प्रक्रिया के जरिये युवा चेहरे सामने आए हैं. हिंगोली (महाराष्ट्र) से सांसद और यूथ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राजीव साटव और इस संगठन के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा उर्फ राजा बरार और जम्मू-कश्मीर के रहने वाले एनएसयूआई के मौजूदा अध्यक्ष फैरोज खान के नाम शामिल हैं.

कांग्रेस में युवा चेहरों की फौज

कांग्रेस में युवा नेताओं की लंबी चौड़ी फौज है. ये सभी नेता अपने-अपने राज्यों में बड़े चेहरे हैं और सभी राहुल के करीबी माने जाते हैं. इनमें रणदीप सिंह सुरजेवाला, ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, अजय माकन, सचिन पायलट, मिलिंद देवड़ा, आर पी एन सिंह, दिपेंद्र हुड्डा, हमदुल्ला सईद, गौरव गोगाई, परेश धनानी, जीतू पटवारी, सुष्मिता देव, प्रियंका चतुर्वेदी जैसे नाम शामिल हैं. कांग्रेस में राहुल राज आने से इन युवा नेताओं को नई टीम में जगह मिल सकती है.

सहयोगी दलों के युवा नेताओं से रिश्ते मधुर

कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल गांधी की नजदीकियां सिर्फ अपनी पार्टी के युवा नेताओं से ही नहीं है, बल्कि सहयोगी दलों के युवा लीडरशिप से भी नजदीकी रिश्ते हैं. राहुल के दोस्तों में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, बिहार के डिप्टी सीएम रहे आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, लोकदल के महासचिव जयंत चौधरी, नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला, तमिलनाडु पार्टी डीएमके के अध्यक्ष एमके स्टालिन शामिल हैं.

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ये वो नेता हैं, जो अपनी-अपनी पार्टियों के प्रमुख चेहरा हैं. कांग्रेस के मजबूत सहयोगी भी माने जाते हैं. राहुल इन युवा नेताओं के सहारे चुनावी समर में उतर चुके हैं. भविष्य के चुनाव में भी इनके साथ उतरकर मोदी के लिए मुसीबत का सबब बन सकते हैं.

राहुल के नए युवा साथी

गुजरात के सियासी रणभूमि में राहुल गांधी को आंदोलन के जरिए पहचान बनाने वाले युवा नेताओं का भी साथ मिला है. राहुल ने पाटीदार नेता हार्दिक पटेल और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी के साथ दोस्ती की है. इसके अलावा ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर को तो राहुल ने पार्टी में भी शामिल कराया है. इन तीनों युवा नेताओं के सहारे राहुल गांधी ने गुजरात में बीजेपी को नाको चने चबवा रखा हैं. इस तरह राहुल मोदी को मात देने के लिए छोटे-छोटे पॉकेट के युवा नेताओं के साथ भी दोस्ती का हाथ बढ़ा रहे हैं.

राहुल के युवा साथियों से मोदी की मुश्किल

राहुल के युवा साथी भी युवा हैं और अपनी अपनी पार्टी में अहम भूमिका अदा कर रहे हैं. 2019 में मोदी के खिलाफ ये युवा नेता राहुल के संग साथ खड़े नजर आ सकते हैं. मौजूदा दौर में इन युवा नेताओं को अपना सियासी वजूद को बचाए रखने की चुनौती है. राजनीतिक जानकारों की माने तो इनके साथ आने से मोदी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

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