कांग्रेस ने आगामी विधानसभा चुनावों के मद्दनेजर राजस्थान में किसी को मुख्यमंत्री पद के तौर पर पेश नहीं करने का फैसला किया है. पार्टी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ेगी. राहुल गांधी के आवास पर गुरुवार को राजस्थान कांग्रेस के नेताओं की हुई बैठक में यह फैसला लिया गया.
पार्टी सूत्रों ने बताया कि बैठक में राजस्थान में सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने का फैसला किया गया है. यानी किसी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया जाएगा. कांग्रेस का नारा है- 'एक ही एजेंडा है, कांग्रेस का झंडा है.' इस नारे से साफ है कि राहुल गांधी के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए कांग्रेस उन्हीं की अगुआई में राजस्थान विधानसभा चुनावों के मैदान में उतरेगी.
राजस्थान में हाल ही संपन्न हुए उपचुनावों में दो लोकसभा सीटों और एक विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने शानदार जीत दर्ज की. इसमें अलवर और अजमेर लोकसभा और मांडलगढ़ विधानसभा सीट शामिल है. अलवर सीट से कांग्रेस उम्मीदवार करण सिंह यादव ने भाजपा के जसवंत सिंह यादव को 1,56,319 वोट से शिकस्त दी थी. अजमेर में कांग्रेस के रघु शर्मा ने जीत दर्ज की है. वहीं मांडलगढ़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार विवेक धाकड़ ने भाजपा के शक्ति सिंह को 12,976 मतों से हराया था.
राजस्थान उपचुनावों में मिली जीत से कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं. गुजरात में मिली बढ़त और राजस्थान की इस सफलता के बाद पूर्व सीएम अशोक गहलोत और सचिल पायलट को लेकर कई तरह की कयासबाजी चल रही थी. सियासी गलियारों में कहा जा रहा था कि राजस्थान की कमान सचिन पायलट को सौंपी जा सकती है, लेकिन अंदरूनी कलह के चलते थोड़ा संशय की स्थिति काय़म थी.
दरअसल, राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, केंद्र सरकार में मंत्री रहे सीपी जोशी और भंवर जितेंद्र सिंह मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में गिने जाते हैं. ऐसे में कांग्रेस की सिरदर्दी रही क़ि वो किसको मुख्यमंत्री पद का दावेदार बनाये? किसी एक को बनाने पर बाकी की नाराज़गी मोल लेने का खतरा था.
ऐसे में पार्टी ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की घोषणा कर तात्कालिक तौर पर इस कलह को विराम देने की कोशिश की है जिसका लाभ पार्टी को चुनाव में मिल सकता है.
गुरुवार सुबह राहुल गांधी के साथ हुई बैठक में प्रदेश कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं के साथ प्रभारी महासचिव अविनाश पांडेय भी शामिल हुए. इसमें राहुल के सामने सामूहिक नेतृत्व के फैसले पर मुहर लगा दी गई. राहुल के सामने सभी ने इस पर सहमति जताई.
इस बात पर मुहर लगाते हुए राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी महासचिव अविनाश पांडेय ने आजतक को बताया कि हम राजस्थान में सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे. हमारे सभी नेताओं ने राहुल के सामने ये प्रस्ताव रखा, जिस पर राहुल ने मुहर लगा दी. इस बीच गुजरात कांग्रेस के 10 विधायकों ने भी पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर राज्य से संबंधित मसलों पर विचार विमर्श किया.