कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कल ट्विटर पर अपने पालतू कुत्ते का वीडियो क्या डाला इसे लेकर सियासत शुरू हो गई. हालत ये हुई कि उनके कुत्ते के नाम पीडी को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट की बाढ़ आ गई.
वैसे राहुल गांधी कांग्रेस के पहले ऐसे शीर्ष नेता नहीं हैं जिनका कुत्ते से प्रेम खबरों का विषय बना हो. 90 के दशक के आखिरी वर्षों में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सीताराम केसरी का कुत्ता खबरों में रहता था.
खास बात ये है कि सीताराम केसरी के निधन के एक दिन बाद ही उनके कुत्ते की मौत भी हो गई थी. उसकी वफादारी के तमाम किस्से उस वक्त अखबारों की सुर्खियां बने थे.
इंडिया टुडे के तब के एक अंक में कुत्ते के बारे में लिखा गया था कि सीताराम केसरी अपने इस कुत्ते का खूब ख्याल रखते थे. अगर वे गर्मियों में कार से कहीं जाते थे और उनका कुत्ता साथ रहता था तो केसरी भले ही धूप में उतरकर अपने काम निबटाएं लेकिन कुत्ते के लिए कार का एसी चलता रहता था. केसरी 7 पुराना किला रोड पर अकेले रहते थे. उनकी पत्नी का देहांत पहले ही हो चुका था. बच्चे पटना में रहते थे और कांग्रेसियों ने उनका साथ छोड़ दिया था. ऐसे में ये कुत्ता ही उनका साथी था.
केसरी के करीबी जो उनके कुत्ते से इस लगाव से परिचित थे वो दीपावली जैसे अहम मौकों पर मिठाई या ड्राई फ्रूट लाते थे तो कुत्ते के लिए भी बिस्किट लेकर आया करते थे.
टेलीग्राफ में 26 अक्टूबर 2000 को छपी खबर के मुताबिक सीताराम केसरी 11 अक्टूबर 2000 को जब फिसलकर गिरने और कूल्हे की हड्डी टूटने की वजह से अस्पताल पहुंचे तो उनके कुत्ते ने भी उनके बिना खाना-पीना छोड़ दिया. केसरी के निधन के बाद जब उनका शव उनके आवास पर लाया गया तो उनके कुत्ते ने भी दम तोड़ दिया.