तीन राज्यों के चुनाव नतीजों से कांग्रेस में खुशी की लहर है. छत्तीसगढ़ और राजस्थान में तो कांग्रेस की सरकार बनना तय है लेकिन मध्य प्रदेश में कांटे की लड़ाई जारी है. हालांकि कांग्रेस एमपी में भी खुद को जीता हुआ मान रही है. चुनावी नतीजों के बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मीडिया से रू-ब-रू हुए. उन्होंने बहुत ही सम्मानजनक और सधे तरीके से अपनी बातें रखीं.
राहुल ने सदन में मोदी को दी झप्पी की याद दिलाई वहीं बीजेपी सरकार के किए कार्यों के लिए उनका धन्यवाद भी किया. उन्होंने यहां तक कहा कि बीजेपी ने जो अच्छे काम किए हैं कांग्रेस उसे आगे बढ़ाएगी. प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल एक सुलझे हुए नेता की तरह बातें करते दिखे. उन्होंने संक्षेप में कई बड़ी बातें कहीं. तीन राज्यों में जीत के बाद भी उन्होंने कोई ऐसी बात नहीं कही जिससे लगे कि वह किसी पर तंज कस रहे हों.
राहुल ने लोकसभा में बीजेपी सरकार को घेरते हुए कहा था कि बीजेपी के लोग नफरत का पाठ पढ़ाते हैं जबकि कांग्रेस लोगों को जोड़ने का काम करती है. उन्होंने यह भी कहा था कि लोग भले ही उनसे नफरत करें लेकिन उनके मन में किसी के प्रति कोई नफरत नहीं है. आगे उन्होंने कहा था कि गांधी के रास्ते पर चलकर वह लोगों को प्रेम का पाठ पढ़ाएंगे. इसके बाद वह पीएम मोदी की कुर्सी तक पहुंचे थे और उन्हें गले लगा लिया था.
पार्टियों ने राहुल के इस कदम की अलग-अलग तरीके से व्याख्या की थी. मीडिया में भी इस मुद्दे पर खूब बातें हुई थीं. बीजेपी को यह हरकत पसंद नहीं आई थी. बीजेपी नेताओं ने यहां तक कह दिया था कि कैसे किसी के गले पड़ा जाता है यह कोई राहुल से सीखे, लेकिन राहुल गांधी ने इसे अपने तरीके से लिया था.
मंगलवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने जिस तरह अपनी बातें रखीं वह भी एक तरह की गांधीगिरी ही है. उन्होंने कहा कि उन्होंने पीएम से बहुत कुछ सीखा है. वह यह बताना भी नहीं भूले कि ईवीएम में समस्या है. इसकी चिप में परिवर्तन कर रिजल्ट बदले जा सकते हैं उन्होंने कहा कि EVM को अभी लोगों का दिल जीतना होगा.
राहुल ने कहा कि मोदी सरकार ने नोटबंदी और जीएसटी लागू करके जनता को जिन मुश्किलों में डाला है उसका परिणाम सरकार को भुगतना होगा. बेरोजगारी और किसानों का मुद्दा बहुत बड़ा है. कर्जमाफी पर उन्होंने कहा कि किसानों को राहत देने का यह एक माध्यम है लेकिन इससे पूरा समाधान नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि किसानों की समस्या का पूरा समाधान करना उनकी सरकार की प्राथमिकता रहेगी.