scorecardresearch
 

दिल्ली वाली सरकार भेजती है आपको खाना, लखनऊ वाले नहीं बांटतेः बुंदेलखंड में राहुल गांधी

25 अक्टूबर को बुंदेलखंड के झांसी में नरेंद्र मोदी ने रैली की और आज उसी इलाके के हमीरपुर शहर में राहुल गांधी ने भाषण दिया.राहुल ने राइट टु फूड पर सबसे ज्यादा जोर दिया और यूपी में इसकी देरी के लिए अखिलेश सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि क्या भूख चुनाव के बाद लगेगी जनता को

Advertisement
X
हमीरपुर रैली में राहुल गांधी
हमीरपुर रैली में राहुल गांधी

25 अक्टूबर को बुंदेलखंड के झांसी में नरेंद्र मोदी ने रैली की और आज उसी इलाके के हमीरपुर शहर में राहुल गांधी ने भाषण दिया.राहुल ने राइट टु फूड पर सबसे ज्यादा जोर दिया और यूपी में इसकी देरी के लिए अखिलेश सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि क्या भूख चुनाव के बाद लगेगी जनता को. मगर इस टेक के बाद राहुल गांधी के भाषण का अंदाज बदला और ऐसा लगा कि जैसे यह विधानसभा चुनावों की तैयारी में दिया गया हो. वह बार बार कहते रहे कि लखनऊ की सरकार को बदलना होगा, तभी कुछ होगा.बीजेपी का उन्होंने बस एक बार जिक्र किया औऱ कहा कि उन्होंने पार्लियामेंट में राइट टु फूड बिल का विरोध किया. अपने बुंदेलखंड प्रवास का जिक्र किया और बोले कि मैंने यहां लंबे दौरे किए. आज मच्छरों और पानी का जिक्र नहीं हुआ. मां-दादी के किस्सों का जिक्र नहीं हुआ. बस बार-बार युवाओं से पूछा गया कि आपको नौकरी मिली. सड़क मिली, बिजली मिली.इसके साथ ही राहुल गांधी ने यह भी दावा किया कि बुंदेलखंड का बुरा हाल देखकर ही 2009 में यूपीए सरकार ने पूरे देश में 70 हजार करोड़ की कर्ज माफी दी थी किसानों को.राहुल गांधी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार से पहले किसानों को बैंक में नहीं घुसने देते थे. कहते थे कि कर्जा है तुम्हारे ऊपर, अंदर नहीं आ सकते. बहरहाल...

Advertisement

ये रही राहुल गांधी की हमीरपुर में दी गई स्पीच, हूबहू...

हमने पिछले 10 सालों में क्या किया. यहां जो गरीब खड़े हैं, उन्हें पता है. रोजगार योजना दी. लाखों करोड़ों को रोजगार मिला. पहले भटकते रहते थे. उनको हमने गारंटी कर 100 दिन का रोजगार दिया. ठीक है. फिर भ्रष्टाचार की बात. विपक्ष कहता है भ्रष्टाचार की बात करते हैं. हमने आपको आरटीआई दिया. पहले जो सवाल आप कभी नहीं पूछ सकते थे. अब जाकर अफसरों से पूछ सकते हैं. जो भ्रष्टाचार पहले बंद कमरों में होता था, अब बाहर आ गया. कौन लाया इस कानून को. नहीं, जोर से बोलो, कौन लाया इस कानून को.

सबसे बड़ा कानून हम लाए. भोजन का अधिकार. यहां जो महिलाएं बैठी हैं. उन्हें समझ है. उनसे पूछिए. उनके दिल में दर्द होता है, जब उनके बच्चे भूखे जाते हैं. सही बात है कि नहीं. अब हमने गारंटी कर कहा है. कोई भूखा नहीं होगा.

Advertisement

क्या कहा है, सुन लो. चाहे वहां सूखा पड़े. कुछ भी हो. एक रूपया के लिए पूरे हिंदुस्तान में सरकार अनाज देगी. लंबी लड़ाई लड़े हम. पार्लियांमेंट में विपक्ष के लोग कहते हैं, नहीं भइया कोई फायदा नहीं होने वाला. बीजेपी के बड़े नेता कहते हैं, कोई फायदा नहीं, जरूरत नहीं. और उत्तर प्रदेश में, बुंदेलखंड में, जहां सबसे ज्यादा जरूरत है, आपकी सरकार कहती है, यूपी की सरकार. नहीं भइया. चुनाव से पहले इसको लागू नहीं करने वाले. क्या भूख चुनाव के बाद होगी क्या. क्या आज भूख नहीं है.

देखिए, आप इन पर दबाव डालिए. ये आपका हक है. जो यूपी की जनता है. उनके लिए हमने भोजन भेजा है. परिवार में हर व्यक्ति के लिए भोजन भेज रहे हैं. सबसे ज्यादा लोगों को फायदा यूपी में होने वाला है. जब मैं यहां आता हूं. और मुझे यहां हजारों युवा दिखते हैं. बंबई चले जाओ. दिल्ली चले जाओ. यूपी के हजारों लाखों युवा मिलते हैं. जब यहां समाजवादी पार्टी आई तो क्या बोला, हम यहां रोजगार देंगे. वादा किया था कि नहीं. आपको रोजगार मिला. कोई यहां युवा है, जो कह सकता हो कि यूपी की सरकार ने उसे रोजगार दिया.

अगर आपको रोजगार चाहिए. अगर आपको यूपी में रोजगार चाहिए तो इंफ्रास्ट्रक्चर की, सड़कों की रेलवे लाइन की जरूरत है. ये कौन लाएगा. देखिए ये दिल्ली की सरकार आपको पैसा भेज सकती है. कांग्रेस पार्टी की सरकार दिल्ली में है. हम यहां हजारों करोड़ रुपये भेजते हैं, सड़कों के लिए भेजा. पैकेज भेजा, मगर ये आपके हाथ में नहीं आता. गायब हो जाता है. तो जब तक आप यहां कांग्रेस पार्टी की सरकार नहीं लाते, नहीं बदलेगा. जिस दिन कांग्रेस पार्टी की सरकार लाई. उस दिन जो काम हम महाराष्ट्र में, केरल में, राजस्थान में करते हैं, वो काम यूपी में कर सकेंगे. हम उत्तर प्रदेश को बदलना चाहते हैं.

Advertisement

ये हिंदुस्तान का सबसे बड़ा प्रदेश है, जितनी शक्ति युवाओँ में यहां है, कहीं औऱ नहीं है. ये शक्ति जाया हो रही है. शिक्षा की बात होती है, आपको बाहर जाना पड़ता है, स्वास्थ की बात होती है आपको बाहर जाना होता है.सड़कें बनती हैं, छह महीने में टूट जाती हैं. आपने यहां 2012 में सपा की सरकार लाई. मगर जो आपको मिलना चाहिए था, वो नहीं मिला. नहीं मिल रहा है. और यहां एख युवा चीफ मिनिस्टर हैं.काम करा जा सकता है. उत्तर प्रदेश को बदला जा सकता है. मगर बुंदेलखंड की आवाज को सुनना पड़ेगा. जो बुंदेलखंड सालों से चिल्ला रहा है, उसे सुनना होगा. दिल्ली की सरकार ने आपकी बात सुनी. वहां तक आपकी गूंज पहुंच गई.मैंने रातें काटी हैं, गांव में रातें काटी हैं. लंबे दौरे किए। आगे पीछे. मगर आपकी जो आवाज है, वो लखनऊ तक नहीं पहुंचती. दिल्ली पहुंच जाती है.

2009 में आपके किसानों को कष्ट हो रहा था. आपने हमें कहा, देखो. यहां हमें मदद की जरूरत है. बुंदेलखंड से आवाज निकली और पूरे हिंदुस्तान में 70 हजार करोड़ का कर्जा माफ किया. और शक्ति दी आपको. किसान कहते थे, देखो भइया बड़े लोग बैंक में घुस जाते हैं. हमें कह देते हैं कि तुम्हारे ऊपर कर्जा है, तुम अंदर नहीं आ सकते. तो भाई जो मदद आपको दिल्ली से चाहिए. हम आपके साथ खड़े हैं, मदद करने की कोशिश करेंगे. मगर हमारा सपना आपका सपना बड़ा है. हम बुंदेलखंड को खड़ा करना चाहते हैं. इन युवाओं को शक्ति देना चाहते हैं. बडे़ सपने देखो. बुंदेलखंड को बड़ा इंडस्ट्रियल सेंटर बनाएंगे. मगर उनके लिए लंबी सोच होनी चाहिए.विकास की सोच होनी चाहिए और काम करने की जरूरत है. यहां आपके एमएलए हैं. दबाकर चुनाव जीते. कितने से चुनाव जीते भइया. 37 हजार वोट से चुनाव जीते. मगर इनकी यहां लखनऊ में सरकार नहीं है. अकेले कुछ नहीं किया जा सकता. कांग्रेस को शक्ति दीजिए. बुंदेलखंड को बदलेंगे एक साथ.

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement