राहुल गांधी के कांग्रेस की कमान संभालने की घोषणा लगभग हो चुकी है. राहुल के कांग्रेस अध्यक्ष पद पर आसीन होने से पहले कांग्रेस को महाराष्ट्र के नांदेड़ निकाय चुनाव में बंपर जीत मिली, बीजेपी के गढ़ पंजाब की गुरदासपुर लोकसभा सीट पर दमदार जीत मिली और केरल के वेंगार विधानसभा सीट पर भी कांग्रेस समर्थित वाम मोर्चे में शामिल IUML की जीत हुई.
इसके अलावा JNU, DU , राजस्थान विश्वविद्यालय और इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनावों में BJP के मातृ संगठन RSS की स्टूडेंट विंग ABVP के खराब प्रदर्शन ने जैसे कांग्रेस में नई जान फूंक दी है. कांग्रेस और उसकी समर्थित पार्टियों को मिली ये हालियां जीतें और BJP को मिली हार किस ओर इशारा कर रहे हैं. क्या यह राहुल गांधी के बदले अंदाज का असर है और क्या ये जीत राहुल गांधी का सितारा आगे भी चमका पाएंगे.
कांग्रेस को हाल के दिनों में मिली इन जीतों के बाद ऐसा कहा जा रहा है कि राहुल गांधी में आया बदलाव कांग्रेस के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है और यह राहुल एवं कांग्रेस के लिए शुभ संकेत की तरह है.
गुरदासपुर में कांग्रेस उम्मीदवार की 1.93 मतों के अंतर से जीत
गुरदासपुर लोकसभा लंबे समय से बीजेपी के खाते में थी. प्रख्यात अभिनेता विनोद खन्ना यहां से चार बार सांसद रहे. उनके निधन के बाद यह सीट रिक्त हुई थी. लेकिन उपचुनाव में भाजपा अपना गढ़ बचा नहीं सकी और कांग्रेस उम्मीदवार सुनील जाखड़ करीब 1.93 लाख मतों के अंतर से दमदार जीत हासिल करने में सफल रहे. गौरतलब है कि पंजाब में बीते विधानसभा चुनाव से कांग्रेस की वापसी हुई है.
केरल में नहीं काम आ रहा BJP का कोई दांव
यह साफ देखा जा सकता है कि BJP केरल में अपनी जमीन जमाने को बेताब है. यहां तक कि केरल BJP/RSS और वाम दलों के बीच राजनीतिक हिंसा का अखाड़ा बन चुकी है. BJP अपने कई केंद्रीय नेताओं को और हिंदुत्ववादी चेहरे UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी केरल में उतार चुकी है. लेकिन हाल ही में वेंगारा विधानसभा उपचुनाव में दिखा कि BJP के ये सारे दांव किसी काम नहीं आए. वेंगारा चुनाव में BJP चौथे स्थान पर रही.
वापसी की ओर कांग्रेस गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों से ठीक पहले मिली ये जीतें निश्चित तौर पर कांग्रेस का मनोबल बढ़ाने वाली हैं.
दरक रही BJP की जमीन?
दूसरी ओर विकास का नारा देने वाली बीजेपी की हवा बीते कुछ दिनों से थमती नजर आ रही है. उसे नोटबंदी और जीएसटी के मुद्दे पर भी चौतरफा आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. सबसे बढ़कर बीजेपी अब तक आम जनता को नोटबंदी और जीएसटी के जमीनी फायदों का अहसास नहीं करा पाई है और उन्हें यह विश्वास दिला पाने में असफल जान पड़ रही है कि उसके ये फैसले वास्तव में आम जनता के लिए लाभकारी साबित होंगे.
भारत ने कांग्रेस मुक्त भारत का नारा तो दिया, लेकिन पंजाब और पुदुचेरी के बाद गुरदासपुर और केरल के वेंगार के चुनाव परिणाम बताते हैं कि कांग्रेस जीत की पटरी पर लौट रही है.कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एस. जयपाल रेड्डी भी कहते हैं, "नांदेड़, केरल और पंजाब के चुनाव परिणाम बताते हैं कांग्रेस के पुराने दिन लौट रहे हैं. यह चुनाव परिणाम NDA की गिरावट की ओर भी संकेत कर रहे हैं."
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने वहीं गुरदासपुर जीत को पार्टी के होने वाले अध्यक्ष राहुल गांधी को दिवाली का गिफ्ट करार दिया. सिद्धू ने कहा गुरदासपुर में मिली जीत कांग्रेस के लिए संजीवनी का काम करेगी.
अब देखना यह है कि क्या राहुल गांधी के बदले तेवर कांग्रेस का भी भाग्य बदल पाएंगे.