कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आज इफ्तार पार्टी देंगे. कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के बाद राहुल की ये पहली इफ्तार पार्टी है. ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि इस पार्टी से विपक्षी एकजुटता की जमीन भी तैयार हो सकती है. इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष रहने के दौरान सोनिया गांधी ने 2015 में इफ्तार का आयोजन किया था.
विपक्षी नेता होंगे शामिल
ताज पैलेस होटल में होने वाली राहुल की इफ्तार पार्टी में कांग्रेस के नेताओं के अलावा विपक्षी दलों के भी कई नेता शिरकत करेंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस पार्टी में विपक्ष के कई नेता पहुंचेंगे, जिसमें कर्नाटक के सीएम एचडी कुमारास्वामी, जेडीएस के अध्यक्ष एचडी देवगौड़ा का नाम शामिल है.
इसके अलावा यूपी के दो बड़े नेता अखिलेश यादव और मायावती के भी पहुंचने की उम्मीद है. कहा जा रहा है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी कांग्रेस की तरफ से इस पार्टी में आने के लिए कार्ड भेजा गया है. इसके अलावा मुलायम सिंह यादव, शरद यादव, शरद पवार, सीताराम येचुरी, तेजस्वी यादव के शामिल होने की संभावना है.
इफ्तार पार्टी में जाएंगे डॉ. प्रणब मुखर्जी
इससे पहले ये भी खबर आई थी कि राहुल गांधी की ओर से इफ्तार पार्टी में पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को आमंत्रित नहीं किया गया है. इस खबर का खंडन करते हुए सोमवार को कांग्रसे ने कहा कि मुखर्जी को आमंत्रण भेजा गया है. इस आमंत्रण को उन्होंने स्वीकार भी कर लिया है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट के जरिए कहा, "कई मीडिया हाउस ने कांग्रसे अध्यक्ष की ओर से मुखर्जी को इफ्तार पार्टी में आमंत्रित करने को लेकर सवाल उठाया है. कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रणव मुखर्जी को आमंत्रित किया है और उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया. आशा है कि इससे बेबुनियाद कयासबाजी बंद होगी."
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Multiple media houses have raised questions on Iftaar invite to @CitiznMukherjee on behalf of Congress President.
Congress President has extended an invite to Sh. Pranab Mukherjee & he has graciously accepted. Hope this will set to rest unwarranted speculation.
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) June 11, 2018
राष्ट्रपति भवन में नहीं होगा इफ्तार
कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से इफ्तार का आयोजन उस वक्त किया जा रहा है जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में होने वाले इफ्तार का आयोजन नहीं करने का फैसला किया है. राष्ट्रपति कोविंद की ओर से कहा गया है कि राष्ट्रपति भवन में किसी तरह कोई धार्मिक आयोजन नहीं होगा.