लोकसभा चुनाव से पहले राजनेताओं का अलग-अलग क्षेत्र में दौरा शुरू हो गया है. इस बार के चुनाव में ओडिशा का खास महत्व है, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही अपना फोकस इस राज्य में दे रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन दौरों के बाद आज कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ओडिशा में हैं. राहुल गांधी ने यहां राज्य में कांग्रेस के मिशन 2019 की शुरुआत की.
भुवनेश्वर में एक कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि आज छोटे कारोबारी मुश्किल में है, उनके पास अनिल अंबानी, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी जैसा बैंकिंग एक्सेस नहीं है. उन्होंने कहा कि लाखों करोड़ रुपये उद्योगपतियों के माफ कर दिए जाते हैं, लेकिन किसानों की मदद नहीं की जा रही है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मेक इन इंडिया की बात करते हैं लेकिन 24 घंटे में सिर्फ 450 नौकरी ही पैदा हो पा रही हैं. जबकि चीन एक दिन में 53000 नौकरियां पैदा हो रही हैं. उन्होंने कहा कि हम नरेंद्र मोदी के जैसे नहीं जो सबकुछ जानते हैं. बल्कि हम लोगों से बात करके आगे बढ़ते हैं. बीजेपी और हमारे में यही अंतर है.
उन्होंने कहा कि BJP-RSS ने अभी तक जो मुझे गालियां दी हैं, उससे मुझे काफी फायदा हुआ है. राहुल ने कहा कि मैं नरेंद्र मोदी से नफरत नहीं करता, लेकिन उनकी और मेरी विचारधारा अलग है, मैं उनसे लड़ता रहूंगा. राहुल ने कहा कि आप मुझसे कितनी भी नफरत करें, लेकिन मैं आपसे प्यार से ही बात करूंगा.
राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी मेरे रोल मॉडल नहीं लेकिन उनमें बहुत सी बातें हैं जो अच्छी लगती हैं. वो मेरे विरोधी हैं इसका मतलब ये नहीं कि मैं उनकी तारीफ नहीं करूंगा. राहुल गांधी ने कहा कि प्रियंका गांधी की राजनीति में एंट्री का फैसला काफी साल पहले लिया जा चुका था, लेकिन प्रियंका हमेशा कहती थीं कि वह चाहती हैं कि पहले उनके बच्चे बड़े हो जाएं. उन्होंने कहा कि हम दोनों हर मुद्दे पर चर्चा करते हैं.
उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी को मुख्य तौर पर उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई है. उन्होंने कहा कि 2019 में विपक्ष ही चुनाव जीतेगा. उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दो या तीन बार गीता पढ़नी चाहिए और स्वामी निसार दत्ता की I am That पढ़नी चाहिए.
हम कृषि संकट से कैसे निपटते हैं और नौकरी संकट से कैसे निपटते हैं, ये सबसे बड़ी चुनौती है : कांग्रेस अध्यक्ष @RahulGandhi #RahulGandhiInOdisha pic.twitter.com/eb2fvl2XHR
— Congress (@INCIndia) January 25, 2019
गौरतलब है कि पिछले एक महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओडिशा के तीन दौरे कर चुके हैं, 29 जनवरी को भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह भी ओडिशा पहुंच रहे हैं. अमित शाह यहां बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देंगे.
आपको बता दें कि ओडिशा में कुल 21 लोकसभा सीटें हैं जो लोकसभा चुनाव के हिसाब से काफी अहम है. ओडिशा के मुख्यमंत्री और बीजद प्रमुख नवीन पटनायक पहले ही साफ कर चुके हैं कि ना वह बीजेपी के साथ है और ना ही कांग्रेस के साथ. ऐसे में दोनों ही पार्टियां अपना पूरा दमखम ओडिशा में झोंक रही है. 2014 के चुनाव में यहां 20 सीटें BJD और एक सीटें बीजेपी को मिली थी.
Catch Congress President @RahulGandhi live from Odisha tomorrow on our social media channels.
Facebook: https://t.co/NPOcx4pW6n
Youtube: https://t.co/g2POk6TV2t pic.twitter.com/im1tdSyOF2
— Congress (@INCIndia) January 24, 2019
पूर्वोत्तर क्यों जरूरी?
2019 के चुनावी रण के हिसाब से पूर्वोत्तर का हिस्सा भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों के लिए अहम होने जा रहा है. एक तरफ बीजेपी ने अपना पूरा फोकस उन सीटों पर किया है जहां वह 2014 में चुनाव नहीं जीत पाई थी और इस चुनाव में अगर उत्तर भारत में घाटा होता है तो यहां से रिकवर कर सके.
वहीं अभी तक कई चुनावी सर्वों में ये भी साफ है हुआ है कि कांग्रेस उत्तर भारत में भारतीय जनता पार्टी को सीधे तौर पर टक्कर नहीं दे पा रही है. इसलिए कांग्रेस का भी फोकस ऐसे क्षेत्रों में है जहां पर वह मजबूत है.
आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पिछले दो दिनों से अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी में थे, जहां से उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. राहुल गांधी ने दावा किया कि 2019 में कांग्रेस ही केंद्र में सरकार बनाएगी, इसके अलावा उन्होंने नरेंद्र मोदी पर राफेल डील में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया.