कांग्रेस संगठन को जवाबदेह बनाने की कवायद में जुटे राहुल गांधी ने अब पदाधिकारियों के प्रदर्शन पर निगाह रखने और उसका मूल्यांकन करने के लिए एक रंगीन पट्टियों वाला ग्रेडिंग सिस्टम शुरू किया है. इसके तहत हर राज्य संगठन के उपाध्यक्ष, महामंत्री समेत सभी पदाधिकारी और जिलाध्यक्ष आएंगे. इन कांग्रेसी नेताओं को अच्छे प्रदर्शन पर हरी, औसत पर पीली और खराब प्रदर्शन पर लाल पट्टी वाली ग्रेडिंग रिपोर्ट दी जाएगी.इस नए तरीके को पार्टी ने सबसे पहले केरल और गुजरात में अपनाया है. खबर है कि जल्द ही पूरे देश में कांग्रेस संगठन इस कलर कोडिंग वाले ग्रेडिंग सिस्टम के तहत आ जाएगी.
लाल पट्टी वालों को अभी नहीं निकालेंगे
इस ग्रेडिंग सिस्टम को अभी तक केरल कांग्रेस ने अपनाया है. इसके नतीजों के मुताबिक संगठन के 80 नेताओं में 14 को लाल पट्टी मिली है. तो क्या इन नेताओं को हटाया जाएगा. इस सवाल पर कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि नहीं फिलहाल इन लोगों से अलग से बात की जाएगी और उन्हें सुधार का एक मौका दिया जाएगा. उसके बाद भी चीजें नहीं बदलतीं, तो फिर एक्शन होगा.
राहुल के क्वेश्नचन पेपर पर दिए जवाबों से मिलेंगे ग्रेड
इस रेटिंग सिस्टम का आधार राहुल गांधी द्वारा मार्च में तैयार की गई एक प्रश्नावली को रखा गया है. इसमें पार्टी के नेताओं से इस तरह के सवाल पूछे जाते हैं कि आप अपने कार्यकाल में कितने किलोमीटर घूमे, कितनी जनसभाएं कीं, संगठन में कितने पद खाली हैं या फिर आपकी स्थानीय समस्याएं क्या हैं.नेताओं से यह भी पूछा जाता है कि वे अब तक कितनी बार चुनाव हार चुके हैं.
कॉरपोरेट नहीं है ये, ग्रेडिंग न चल पाएगी
पार्टी में इस ग्रेडिंग सिस्टम को लेकर अलग-अलग राय हैं. एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि आप भले ही इसे कॉरपोरेट कल्चर कहें. मगर इसके उलट हमें इससे मेहनती संगठनकर्ताओं को ईनाम देने और आगे बढ़ाने की मैकेनिज्म मिल जाएगी. उधर एक दूसरे नेता का कहना है कि ये पॉलिटिक्स कोई प्राइवेट कंपनी का प्रफेशन नहीं है. जहां कुछ सवाल पूछे, कुछ रंगीन पट्टियां थमा दीं और काम चल गया.ऐसे तो चल गया संगठन.