राहुल गांधी के सहारे बिहार में नैया को पार लगाने की उम्मीद जाहिर करते हुए कांग्रेस ने उनकी तुलना आपतकाल विरोध अभियान के नायक जयप्रकाश नारायण से करते हुए कहा कि युवा नेता देश के युवा की जरूरतों, चिंताओं को समझते हैं.
कांग्रेस प्रवक्ता मोहन प्रकाश ने कहा, ‘पंडित नेहरू के बाद जिस प्रकार पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने बच्चों के बारे में चिंता की, उसी प्रकार से जयप्रकाश नारायण के बाद राहुल गांधी युवाओं के भविष्य की जरूरतों और चिंताओं को समझते हैं.’ इधर, पटना में माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य सीताराम येचुरी ने ग्रामीण पश्चिम बंगाल के पुरुलिया और बांकुड़ा जिलों की दुर्दशा के बारे में कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी की टिप्पणी पर एतराज जताते हुए कहा कि इन दोनों जिलों की स्थिति उत्तर प्रदेश के रायबरेली तथा अमेठी जिलों से कहीं बेहतर हैं.
राहुल गांधी के बिहार दौरे के बाद विभिन्न दलों की ओर से उन्हें निशाना बनाने के प्रयासों की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस का विरोध करने वाली सभी पार्टियों राहुल को निशान बना रही है, जबकि वह विकास और युवाओं के भविष्य के बारे में बात कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि इस बार राज्य में कांग्रेस की लहर है और यह अन्य चरण के चुनाव में उभर कर सामने आयेंगे.
येचुरी ने कहा, ‘मैं पहले ही कह चुका हूं कि राहुल ने पश्चिम बंगाल के इन दोनों जिलों के सामाजिक आर्थिक हालात के बारे में जो टिप्पणी की है वहां इससे कहीं बेहतर हालात हैं.’ राहुल गांधी और सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्रों की ओर संकेत करते हुए येचुरी ने कहा, ‘मुझे अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि बांकुड़ा और पुरुलिया जिलों में अमेठी तथा रायबरेली से कहीं बेहतर स्थिति है.’ विरोधियों की आलोचना करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि राजद.लोजपा और जद यू.भाजपा गठबंधन अस्थायी और अव्यवहारिक है.
प्रकाश ने कहा कि दोनों गठबंधनों का स्वरूप करीब 20 साल पुराना है जबकि कांग्रेस पार्टी 21वीं सदी में लोगों को आकांक्षाओं को पूरा करने की दिशा में कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि पार्टी को सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नेतृत्व विकास का प्रतीक है और यह ही पार्टी का एजेंडा है.