scorecardresearch
 

जयंत सिन्हा के खिलाफ ऑनलाइन पिटिशन, राहुल ने ट्वीट कर मांगा सपोर्ट

झारखंड में लिंचिंग के दोषियों को सम्मानित करने पर चौतरफा हमला झेल रहे केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा के खिलाफ अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी मोर्चा खोल दिया है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर जयंत सिन्हा को हारवर्ड युनिवर्सिटी के पूर्व छात्र का ओहदा निरस्त करने वाली ऑनलाइन पिटिशन पर समर्थन मांगा है.

Advertisement
X
लिंचिंग के दोषियों के साथ जयंत सिन्हा
लिंचिंग के दोषियों के साथ जयंत सिन्हा

Advertisement

झारखंड में लिंचिंग के दोषियों को सम्मानित करने पर चौतरफा हमला झेल रहे केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा के खिलाफ अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी मोर्चा खोल दिया है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर जयंत सिन्हा को हारवर्ड युनिवर्सिटी के पूर्व छात्र का ओहदा निरस्त करने वाली ऑनलाइन पिटिशन पर समर्थन मांगा है.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि 'यदि एक सुशिक्षित सांसद और केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा का लिंचिंग के मामले में दोषी अपराधियों को माला पहनाने और सम्मानित करने का दृश्य आपको घृणा से भर देता है तो इस लिंक पर क्लिक कर इस पिटीशन का समर्थन करें'.

गौरतलब है कि केंद्रिय मंत्री जयंत सिन्हा द्वारा हजारीबाग में लिचिंग के दोषियों को सम्मानित करने के बाद उठे विवाद के बाद अमेरिका के प्रतिष्ठित हारवर्ड युनिववर्सिटी के एक छात्र प्रतीक कंवल नें ऑनलाइन पिटीशन शुरू की थी जिसमें जयंत सिंहा को हारवर्ड के पूर्व छात्र का ओहदा निरस्त करने की अपील की गई थी.

Advertisement

आपको बता दे कि इस मामले को लेकर मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर जूलियो रिबेरो, पूर्व सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला और 41 अन्य पूर्व नौकरशाहों ने केंद्र की मोदी सरकार को पत्र लिखकर केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा को मंत्रिपरिषद से हटाने की मांग की है.

जयंत की सफाई

इस संबंध में खड़े हुए विवाद पर जयंत सिन्हा ने मेल टुडे टूरिजम समिट में सफाई देते हुए कहा है कि भले ही उन्होंने इन लोगों का सम्मान किया है, पर वे उनके कामों का समर्थन नहीं करते हैं. सिन्हा का कहना था कि वे सभी लोगों से अपील करते हैं कि मेरी आलोचना करने से पहले कोर्ट का बेल ऑर्डर पढ़ें. मैं अपना रुख स्पष्ट कर दूं कि मैं उनकी हरकत का समर्थन नहीं करता. मेरा रिकॉर्ड साफ है. मेरी मंशा साफ है, मैं उनकी हरकत के साथ नहीं हूं.

क्या है मामला ?

29 जून 2017 को झारखंड के रामगढ़ में भीड़ ने मीट व्यापारी अलीमुद्दीन अंसारी की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. इस हत्‍याकांड में 11 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है. वहीं, एक नाबालिग भी इसमें शामिल है, जिसे बाल सुधार गृह भेजा गया है. कोर्ट में सुनवाई के दौरान अधिवक्ता बीएन त्रिपाठी द्वारा दिए गए साक्ष्य और बहस को मानते हुए कोर्ट ने हत्या के दौरान बनाए गए वीडियो फुटेज को सबूत मानने से इनकार कर दिया. इस वजह से 8 लोगों को जमानत मिल गई.

Advertisement

Advertisement
Advertisement