कर्नाटक में आने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आज राज्य के दौरे पर हैं. राहुल ने उडुप्पी में राजीव गांधी नेशनल एकेडमी की शुरुआत की.
राहुल ने यहां एक रैली में कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने 15 अमीर उद्योपतियों के 2.5 लाख करोड़ रुपए का लोन माफ किया, लेकिन जब हम उन्हें किसानों का लोन माफ करने को कहते हैं तो वो नहीं करते हैं. राहुल ने कहा कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने किसानों के 8000 करोड़ रुपए के कर्ज को माफ किया.
In last few yrs BJP govt waived off loan of 2.5 lakh cr of 15 richest people. When farmers talks of loan waiver, PM Modi & FM say it isn't their policy. Siddharamaih ji & Congress govt in K'taka waived off loan of Rs 8,000 cr of farmers of Karnataka :Rahul Gandhi, Congress Pres pic.twitter.com/f0aisqpc19
— ANI (@ANI) March 20, 2018
राहुल इस दौरान कर्नाटक के तटीय इलाके का भ्रमण करेंगे. इससे पहले वो हैदराबाद से कर्नाटक, मुंबई से कर्नाटक वाले हिस्से में गए थे. राहुल उड्डपी के बाद यहां से वो मंगलुरु जाएंगे. यहां मंदिर, चर्च और मस्जिद का भी दौरा करेंगे.
Congress President Rahul Gandhi inaugurates the Rajiv Gandhi National Academy of Political Education in Udupi. #JanaAshirwadaYatre #RGInKarnataka pic.twitter.com/DWkVTkbRCN
— Congress (@INCIndia) March 20, 2018
इस क्षेत्र में राहुल का दौरा इसलिए भी अहम हो जाता है क्योंकि बीजेपी ने हाल ही में आरोप लगाया है कि इन क्षेत्रों में 23 वर्कर्स की हत्या की गई है. इस क्षेत्र में कई तरह की सांप्रदायिक झड़पों का मामला सामने आया है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी इससे पहले इस क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं.
Congress President Rahul Gandhi returns to Karnataka for the third leg of #JanaAashirwadaYatre. #RGInKarnataka pic.twitter.com/3S0UNitVgM
— Congress (@INCIndia) March 20, 2018
2013 में हुए विधानसभा चुनावों में यहां की 8 सीटों में से 7 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी, वहीं 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने दक्षिण कन्नड़ सीट पर बाजी मारी थी. तटीय इलाके हमेशा से ही बीजेपी का गढ़ रहा है.
कांग्रेस को उम्मीद है कि वह एक बार फिर 2013 जैसा करिश्मा दोहरा पाएगी, यही कारण है कि राहुल गांधी यहां प्रचार करने आ रहे हैं. मंगलवार को अपने दौरे के पहले दिन राहुल गांधी कई छोटी सभाओं को संबोधित करेंगे.
गौरतलब है कि चुनावों को देखते हुए कर्नाटक की सरकार ने सोमवार को लिंगायत समुदाय को अल्पसंख्यक धर्म का दर्जा दिया है. जिसको लेकर राज्य में बवाल मचा है. बीजेपी सिद्धारमैया के इस फैसले के बाद बैकफुट पर है और कांग्रेस पर हिंदुओं को बांटने का आरोप लगा रही है.