कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने अपनी ही पार्टी पर ही निशाना साधा है. लोकसभा चुनाव में मिली हार के लिए दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस में सत्ता की भूख को जिम्मेदार बताया है. उन्होंने कहा है कि पार्टी ने अपनी विचारधारा से समझौता किया जिस वजह से हार हुई.
दिग्विजय यहीं नहीं रुके. उन्होंने ये भी कह दिया कि राहुल गांधी का मिजाज सत्ताधारी नहीं है. वो इंसाफ की लड़ाई लड़ना चाहते हैं. दिग्विजय ने कहा कि राहुल को लोकसभा में नेता विपक्ष बनना चाहिए था.
दिग्विजय सिंह का कहना है कि मोदी ने जहां अपनी बात का ढिंढोरा पीटा, तो वहीं कांग्रेस अपने काम का दस में पांच भी नहीं बता पाई. दिग्विजय का ये बयान उस वक्त आया है, जब कांग्रेस की हार के लिए पहले ही राहुल गांधी निशाने पर आ रहे हैं.
दिग्विजय सिंह के इंटरव्यू के मुख्य अंश
सवाल- क्यों हार हुई?
दिग्विजय सिंह- इस देश में कांग्रेस ने हमेशा ही विचारधारा की लड़ाई
लड़ी है. लेकिन कभी-कभी हो क्या जाता है कि सत्ता की भूख में हमलोग
विचारधारा छोड़कर सुविधा की राजनीति कर लेते हैं. उससे कांग्रेस को नुकसान
हुआ है.
सवाल-अगर आपके पास अधिकार होता तो आप राहुल गांधी को लोकसभा में पार्टी का नेता चुनते?
दिग्विजय सिंह- देखिए, हमने तो सुझाव ये दिया था कि राहुल को खुद ये जिम्मेदारी लेनी चाहिए.
सवाल- क्या लगता है आपको कि वो जो पीछे हट जाते हैं. उनकी जिम्मेदारी से दूर भागने वाली छवि का नुकसान कांग्रेस को उठाना पड़ा?
दिग्विजय सिंह- मैं ये तो नहीं कह सकता लेकिन इतना कहूंगा कि
लोकतंत्र में विपक्ष की जो जगह होती है, वह सफल जनतंत्र के लिए जरूरी है.
चूंकि कांग्रेस विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी है ऐसे में हमारे उपाध्यक्ष
राहुल गांधी जी को यह जिम्मेदारी लेनी चाहिए थी.
सवाल- आपकी उनसे बात होती रहती है. ऐसा कौन सा मुद्दा है..ऐसा कौन सा
कारण है कि वो ये जिम्मेदारी नहीं लेते. वो पीछे हट जाते हैं हर बार व किसी
और को आगे कर देते हैं?
दिग्विजय सिंह- मिजाज से राहुल गांधी सत्ताधारी व्यक्ति नहीं है. वो अन्याय के खिलाफ लड़ना चाहते हैं.