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राज्यसभा के लिए राहुल ने भेजे थे 2 नाम, कर्नाटक कांग्रेस ने ठुकराए

सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर राहुल गांधी अपने दो खास सैम पित्रोदा और जनार्दन द्विवेदी को राज्यसभा में भेजना चाहते हैं और उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से अनुरोध किया कि उनके लिए अपने राज्य से राज्यसभा में जाने का रास्ता साफ करें.

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राहुल गांधी (फाइल फोटो)
राहुल गांधी (फाइल फोटो)

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए स्थिति उस समय अजीबोगरीब हो गई, जब उनके प्रस्ताव को कर्नाटक की प्रदेश यूनिट ने मानने से इनकार कर दिया. इसके बाद राहुल को नया विकल्प तलाशने को मजबूर होना पड़ गया.

सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर राहुल गांधी अपने दो खास और गांधी परिवार के बेहद करीबी माने जाने वाले सैम पित्रोदा और पार्टी महासचिव जनार्दन द्विवेदी को आसानी से राज्यसभा में भेजना चाहते हैं और उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से अनुरोध किया कि उनके लिए अपने राज्य से राज्यसभा में जाने का रास्ता साफ करें.

कर्नाटक ने किया इनकार

खबर है कि कर्नाटक राज्य यूनिट ने पार्टी अध्यक्ष के इस प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया. उन्होंने इस संबंध में अपनी सफाई दी कि कुछ महीनों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यहां से किसी बाहरी शख्स को राज्यसभा में नहीं भेजा जा सकता.

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कर्नाटक यूनिट की ओर से राहुल गांधी के प्रस्ताव को ठुकराए जाने के बाद अब कांग्रेस अध्यक्ष ने सैम पित्रोदा को राज्यसभा में भेजने के लिए गुजरात से सिफारिश की है. मंगलवार को दिल्ली में बैठक के दौरान सिद्धारमैया ने राहुल से कहा था कि चुनावी साल में कर्नाटक से किसी बाहरी को राज्यसभा में भेजना घातक हो सकता है.

कर्नाटक नहीं अब गुजरात से आस

कर्नाटक की ओर से इनकार किए जाने के बाद राहुल के पास पित्रोदा के लिए राज्यसभा भेजने का मौका गुजरात से है. गुजरात से कांग्रेस 2 लोगों को ही राज्यसभा भेज सकती है. पित्रोदा अब इस राज्य से राज्यसभा जा सकते हैं. पित्रोदा के अलावा गुजरात से राज्य कांग्रेस यूनिट अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी के भी जाने की संभावना है.

कर्नाटक में सत्तारुढ़ कांग्रेस आसानी से 2 लोगों को राज्यसभा भेज सकती है, जबकि चौथे सीट के लिए कांग्रेस और जनता दल (एस) के बीच संघर्ष दिख सकता है. एक सीट बीजेपी के खाते में जाना तय है.

2016 में कांग्रेस ने कर्नाटक से 3 लोगों को राज्यसभा भेजा था, लेकिन तब उसे जनता दल (एस) के बागी सदस्यों की मदद से जीत मिली थी. मुख्यमंत्री चाहते हैं कि एक सीट अल्पसंख्यक, एक दलित और लिंगायत समुदाय को दिया जाए. संसद के ऊपरी सदन के सदस्यों को विधानसभा के सदस्यों के आधार पर जाना जाता है.

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चंद्रशेखर को बीजेपी से टिकट!

दूसरी ओर, बतौर निर्दलीय 2 बार (2006 और 2012) 3 राजनीतिक दलों की मदद से राज्य सभा पहुंचने वाले बिजनेसमैन राजीव चंद्रशेखर इस बार चाहते हैं कि उन्हें बीजेपी के टिकट से राज्यसभा जाने का मौका मिले.

जनता दल (एस) पहले ही तय कर चुका है कि मंगलौर के उद्धोगपति बीएम फारुक को राज्यसभा भेजा जाए. अखिल कन्नड संघ पहले से ही मांग करता रहा है कि कन्नडभाषी को यहां से राज्यसभा भेजा जाना चाहिए. उसके इस ऐलान के बाद से ही कांग्रेस और बीजेपी के लिए संकट की स्थिति पैदा हो गई है.

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