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बिन गांधी सब सून, 4 राज्यों में बिना गांधी परिवार रणनीति बनाने को मजबूर कांग्रेस

राहुल गांधी नेताओं से मिलने का टाइम आसानी से नहीं दे रहे हैं. वे दूसरे अध्यक्ष खोजने की बात पर अड़े हैं. वहीं राहुल गांधी के इंग्लैंड जाने की अपुष्ट खबरों पर भी पार्टी के नेता और राहुल गांधी का दफ्तर चुप्पी साधे है.

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (फोटो-PTI)
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (फोटो-PTI)

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कांग्रेस में ऐसा लग रहा है कि सब कुछ ठीक नहीं चल रहा. बतौर पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी जिम्मेदारी छोड़ने पर अड़े हैं, तो नेता उनको मनाने पर. इस वजह से पार्टी के तमाम काम रुके पड़े हैं. ऐसे में चंद महीनों में चार राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं और पार्टी खामोश नजर आ रही है.

कांग्रेस के कोर ग्रुप के 9 में से 8 नेताओं की बैठक पार्टी के वॉर रूम में हुई. इसमें एके एंटनी की अध्यक्षता में अहमद पटेल, पी चिदंबरम, मल्लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद, जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला शामिल हुए. इस बैठक में अशोक गहलोत को छोड़कर सभी पहुंचे. वैसे गहलोत संगठन महासचिव बनने के बाद इसका हिस्सा बने थे लेकिन बैठक के बाद पार्टी के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने साफ कहा कि चुनाव के पहले बनाई गईं सभी समितियां भंग हो चुकी हैं. सुरजेवाला के मुताबिक ये बस सीनियर नेताओं की बैठक थी.

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दरअसल, राहुल के इस्तीफे की पेशकश के बाद कार्यसमिति ने उनसे पद पर बने रहकर मनमुताबिक बदलावों की खुली छूट दे दी थी. इसको भी नेताओं की तरफ से राहुल गांधी को मनाने के एक दांव के तौर पर देखा जा रहा है. शायद इसीलिए बैठक के बाद पार्टी के मीडिया प्रभारी सुरजेवाला ने कहा कि राहुल गांधी अध्यक्ष थे, हैं और रहेंगे. हालांकि राहुल गांधी के विदेश जाने की खबर को वो टाल गए.

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, राहुल गांधी नेताओं से मिलने का टाइम आसानी से नहीं दे रहे हैं और गांधी परिवार के आलावा किसी दूसरे अध्यक्ष खोजने की बात पर अड़े हुए हैं. वहीं राहुल गांधी के इंग्लैंड जाने की अपुष्ट खबरों पर भी पार्टी के नेता और राहुल गांधी का दफ्तर चुप्पी साधे है. राहुल गांधी विदेश जाने पर ट्वीट किया करते थे, वो ट्वीट इस बार नहीं आया. हालांकि राहुल ने जब पिछली विदेश यात्रा की थी, उसे भी गुप्त रखा गया था और राहुल ने ट्वीट भी नहीं किया.

उधर, प्रियंका और सोनिया गांधी रायबरेली चली गईं. ऐसे में दिल्ली, झारखंड, हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनावों के लिए वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को बिना गांधी परिवार के रोडमैप तैयार करने को मजबूर कर दिया है. अब जल्दी ही इन चार राज्यों के चुनावों के लिए कमेटियों का गठन किया जाएगा. साथ ही इन राज्यों के प्रभारियों के साथ पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल मिलकर चुनावी रणनीति तैयार करेंगे.

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