कांग्रेस ने सोमवार को दिल्ली में ओबीसी सम्मेलन बुलाकर 2019 लोकसभा चुनाव का बिगुल फूंका. इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ओबीसी वर्ग के उत्थान को लेकर कोका-कोला कंपनी का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा, 'कोका-कोला कंपनी को शुरू करने वाला एक शिकंजी बेचने वाला व्यक्ति था. वह अमेरिका में शिकंजी बेचता था. पानी में शक्कर मिलाता था. उसके काम का आदर हुआ. उसे पैसा मिला और कोका-कोला कंपनी बनी.'
राहुल ने आगे कहा, 'कोका-कोला की तरह मैकडोनाल्ड कंपनी का मालिक भी कभी ढाबा चलाता था और आज दुनियाभर में उसका नाम है. भारत में आज एक भी ऐसा ढाबा वाला नहीं है, जो कोका-कोला जैसी बड़ी कंपनी खड़ा कर सकता है.'
#WATCH Congress President Rahul Gandhi talks about origins of the Coca-Cola & McDonald's company, says, "Coca-Cola company ko shuru karne wala ek shikanji bechne wala vyakti tha..." #Delhi pic.twitter.com/MATnaR734J
— ANI (@ANI) June 11, 2018
सम्मलेन के दौरान राहुल ने आरएसएस और बीजेपी पर भी निशाना साधा. गांधी ने सम्मेलन में कहा कि आज हिंदुस्तान बीजेपी और आरएसएस का गुलाम बन गया है.
उन्होंने कहा, 'कुछ समय पहले मैंने एक कहानी पढ़ी, जिसमें भारत के फैशन डिजाइनरों ने फ्रांस में अपने कपड़े दिखाए. उस दौरान विदेशी डिजाइनरों ने भारतीयों को मज़ाक उड़ाया. उन्होंने कहा कि मैं कुछ समय बाद जब फैशन डिजाइनर से मिला तो मैंने कहा बतौर हिंदुस्तानी ये मुझे अच्छा नहीं लगा.'
राहुल गांधी ने आगे कहा कि उस डिजाइनर ने बताया कि मैं फैशन डिजाइनर नहीं हूं सिर्फ एक दर्जी हूं. जब मैं कपड़े को देखता हूं तो मैं उसे समझ जाता हूं. लेकिन मैं अपने काम को अच्छी तरह से समझता हूं. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हमारे देश में जो व्यक्ति काम करता है उसे रिवॉर्ड नहीं मिलता है.
मोदी ने किसानों का नहीं किया सम्मान...
राहुल ने कहा कि देश में किसान काम करता है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके लिए कुछ नहीं किया. राहुल बोले कि पीएम ने सिर्फ 15 उद्योगपतियों का 2.5 लाख करोड़ रुपए का कर्ज माफ कर दिया. राहुल ने कहा कि आज दुनिया में जो भी बड़ी कंपनी चल रही हैं, वो छोटे लोगों ने ही शुरू की थी.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि देश में जो लोग काम करते हैं उन्हें आगे नहीं बढ़ाया जाता है. पीएम मोदी कहते हैं कि हमारे देश में स्किल की कमी है, लेकिन ये सब झूठ है.
राहुल ने कहा कि बीजेपी के 4-5 ओबीसी सांसद मेरे पास आए तो मैंने उनसे पूछा कि क्या हो रहा है. उन्होंने कहा कि मेरे जैसा बेवकूफ कोई नहीं है, मैं इनको लाया, मैंने इनको प्रधानमंत्री बनाया लेकिन अब ये ही मेरी बात नहीं सुन रहे हैं. उन्होंने कहा कि बात सिर्फ आरएसएस की सुनी जाती है.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जो हुनर और शक्ति को अलग करती है वो आरएसएस की शक्ति है जो आपको बांटने में लगी हुई है. उन्होंने कहा कि बीजेपी को सिर्फ एक व्यक्ति ही चलाएगा, बस नरेंद्र मोदी और मोहन भागवत ही बीजेपी की बस को चला रहे हैं.ये लोग सिर्फ 15-20 लोगों को फायदा दे रहे हैं.
उन्होंने कहा कि पूरा विपक्ष एक साथ खड़ा है, कुछ ही दिनों में अमित शाह-पीएम मोदी-मोहन भागवत को देश की शक्ति समझ में आ जाएगी. राहुल बोले कि इन्होंने सरकार में आने से पहले बड़े-बड़े वादे किए लेकिन आज उनकी बात नहीं होती है.
गौरतलब है कि ये सम्मेलन दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में हो रहा है. इस आयोजन को कांग्रेस के ओबीसी समुदाय में अपना आधार बढ़ाने के तौर पर देखा जा रहा है.
मुझे पार्टी ने दिया भरपूर मौका: अशोक गहलोत
इस सम्मेलन में कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी का इस सम्मेलन को बुलाना एक ऐतिहासिक फैसला है. ऐसा पहली बार हुआ है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ही ओबीसी लोगों की परेशानियों को समझ सकती है, हम लोग साथ में मिलकर काम करेंगे. गहलोत ने कहा कि जब मैंने NSUI से काम करना शुरू किया तो हर कोई मेरे खिलाफ था, उस समय के मुख्यमंत्री-प्रदेश अध्यक्ष मेरे खिलाफ थे. लेकिन इंदिरा गांधी का जमाना था और मुझे लगातार आगे बढ़ने का अवसर मिला.
2019 की है तैयारी!
कांग्रेस की ओर से कराए जा रहे ओबीसी सम्मेलन में देश भर से ओबीसी समुदाय के लोग इकट्ठा हुए. कांग्रेस के इन नेताओं से राहुल गांधी ने उनके समुदाय की राजनीतिक और सामाजिक आकांक्षाओं के बारे में जाना. दरअसल, 2019 लोगसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने अपनी रणनीति तय कर ली हैं. जहां एक और विपक्ष को साथ लाने की कोशिश जारी है. तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस अपना वोट बैंक भी मजबूत करने में जुटी है.
इसी के तहत कांग्रेस लगातार ऐसे सम्मेलन करा रही है. इससे पहले राहुल मंदसौर में किसानों की रैली को संबोधित कर चुके हैं. वहीं, 23 अप्रैल को दलित समाज के एक सम्मेलन को भी राहुल ने संबोधित किया था.
कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि कांग्रेस 2019 चुनाव को लेकर एक्टिव मोड में हैं. इसके लिए वो राजनीतिक समीकरण के साथ ही सोशल इंजीनियरिंग पर भी ध्यान दे रही है. अब देखना होगा कांग्रेस की ये रणनीति 2019 लोकसभा चुनाव में कितनी फायदेमंद रहती है.